
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो ऑनलाइन दवाइयां, जो सप्लाई की जा रही है, उससे दवा व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। उसमें ऑनलाइन के द्वारा जो दवाई दी जा रही है, उनकी गुणवत्ता पर भी हमेशा शक बना रहता है। रजनीश कौशल ने कहा कि ऑनलाइन दवा की सैंपलिंग होनी चाहिए, जिससे उसकी गुणवत्ता साबित हो सके, अगर वह आधेमानक या नकली पाई जाती है तो ऐसे एजेंसी पर देश व्यापी कार्रवाई होनी चाहिए। जो भी डॉक्टर अपने यहां क्लिनिक के नाम पर दवाइयां बेच रहे है, उन पर रोक लगाई जानी चाहिए। उनकी गुणवत्ता की जांच हर 3 महीने में एक बार होनी चाहिए, आजकल एक नया चलन बन गया है कि फूड के रूप में एलोपैथिक डॉक्टर दवाइयां लिख रहे हैं, जिसकी गुणवत्ता पर संदेह है। फूड विभाग को इन फूड ग्रेड की दवाइयां के लगातार सैंपल कराया जाए और उनकी एमआरपी का मापदंड तय किया जाए। शुक्रवार को आधे दिन का बाजार बंद कर विरोध किया जाएगा, और अगर इस पर रोक नहीं लगी तो मजबूर होकर हमें शीघ्र ही सभी संगठनों के साथ बैठक कर पूरे जिले के दवा व्यापारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस मौके पर नरेश चंद गुप्ता, रजनीश कौशल, मनोज शर्मा, राजीव ग्रोवर, सुनील अग्रवाल, हेमंत बंसल, शहजान अंसारी आदि उपस्थित है।