
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें छात्रों ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा, नवाचार और अनुसंधान क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस वर्ष की थीम ‘भारत के लिए वैश्विक नेतृत्व में युवाओं को सशक्त बनाना’ रही , जो यह दर्शाती है कि भारतीय छात्र अपने शोध और नवाचारों से वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं। कार्यक्रम के संयोजक एवं निदेशक, डॉ. राकेश कुमार जैन ने स्वागत भाषण देते हुए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को सर सी.वी. रमन द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुँवर शेखर विजेंद्र ने अपने संदेश के माध्यम से छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस केवल विज्ञान का उत्सव नहीं, बल्कि नवाचार, तर्कशीलता और प्रगतिशील सोच को प्रोत्साहित करने का अवसर है। हमारे युवा वैज्ञानिकों में असाधारण क्षमताएँ हैं, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक विकास में योगदान दे सकते हैं। हमें अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए समाज की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। प्रति-कुलपति प्रो. जयानंद ने कहा, नैनो-साइंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार वर्तमान समय की आवश्यकता है। हमारे छात्रों द्वारा विकसित वैज्ञानिक परियोजनाएँ दर्शाती हैं कि भारत वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है। डीन अकादमिक्स प्रो. अशोक गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, आज का विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज की भलाई के लिए प्रभावी समाधान विकसित करना है। हमारे छात्रों की परियोजनाएँ यह दर्शाती हैं कि वे अनुसंधान और नवाचार के प्रति कितने प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा विकसित कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ प्रदर्शित की गईं, जो समाज में व्यावहारिक उपयोग के लिए नवीन समाधान प्रस्तुत करती हैं। सौर ऊर्जा संचालित विद्युत उत्पादन प्रणाली के तहत छात्रों ने कम रोशनी में भी प्रभावी रूप से काम करने वाले सौर पैनल विकसित किए। स्वचालित रोबोटिक्स मॉडल में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोबोट बनाए गए, जो औद्योगिक उपयोग और आपातकालीन सेवाओं में सहायता कर सकते हैं। वायुमंडलीय दबाव से ऊर्जा उत्पादन तकनीक पर आधारित मॉडल में छात्रों ने हवा के दबाव को ऊर्जा में परिवर्तित करने की प्रणाली विकसित की, जिससे अक्षय ऊर्जा के नए आयाम खुल सकते हैं। जल संचयन मॉडल में जल संरक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया, जो पीने योग्य पानी की उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करेगा। इसके अलावा, भविष्य के स्मार्ट सिटी मॉडल में हरित ऊर्जा, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को शामिल किया गया, जो सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन नवाचारों को पहचान देने के लिए वाद-विवाद, पोस्टर और मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें छात्रों ने अपनी वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओें, पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता और अन्य प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. अनीकेत कुमार, डॉ. जयंत महतो, डॉ. शमशाद हुसैन सहित डॉ. दिव्या प्रकाश, डॉ. शैल ढाका, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. साहदेव, डॉ. निधि त्यागी, डॉ. लोमस तोमर, डॉ. विपिन त्यागी, प्रो. प्रमोद गोयल, डॉ. अल्पना जोशी, डॉ. एवगेनिया जारिकोवा, जितेंद्र जादौन, डॉ. हरिओम शर्मा, आकृति गोस्वामी और राज किशोर सिंह का विशेष योगदान रहा। रजिस्ट्रार डॉ. गणेश भारद्वाज के कुशल मार्गदर्शन में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शोभित विश्वविद्यालय का यह विज्ञान दिवस समारोह छात्रों के नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को एक नई दिशा देने का मंच बना, जिससे वे वैश्विक वैज्ञानिक चुनौतियों का समाधान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।