
मेरठ वरिष्ठ संवाददाता। पुलिस-प्रशासन द्वारा शहर में ई-रिक्शा के संचालन के लिए निर्धारित किए गए रूट सहित अन्य कई समस्याओं को लेकर ई-रिक्शा चालकों ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को ई-रिक्शा चालकों ने कमिश्नरी पर धरना देते हुए डीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपनी कई समस्याओं का समाधान न होने पर कोर्ट में अपील दायर करने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कौशिक के नेतृत्व में मंगलवार को सैकड़ों ई-रिक्शा चालकों ने कमिश्नरी पर धरना देते हुए डीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। विशाल कौशिक ने बताया कि प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित कर दिए गए हैं। जिसके चलते ई-रिक्शा चालक एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में असमर्थ हैं। हालात यह हैं कि आज के समय में ई-रिक्शा चालक अपने लोन की किस्त भी जमा नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और हापुड़ जिलों में ई-रिक्शा चालकों को किसी भी रूट पर जाने की छूट है। फिर मेरठ में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी मर्जी से नए नियम कैसे बना दिए? उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में कार्यवाही की मांग करते हुए ई-रिक्शा चालकों के लिए तय की गई रूट की बाध्यता समाप्त करने की मांग की। इसी के साथ शहर में ई-रिक्शा चालकों के लिए एक स्थाई स्टैंड बनाने और ई-रिक्शा चलाने के लिए अलग से लाइसेंस बनवाए जाने की प्रक्रिया को समाप्त किए जाने की मांग की। इस दौरान सैकड़ों ई-रिक्शा चालक मौजूद रहे।