मेरठ। मेरठ कॉलेज के इतिहास विभाग में शोध छात्रों , परास्नातक छात्रों तथा स्नातक छात्रों के द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे भारत की प्राचीन गुरु शिष्य परम्परा पर गहन चर्चा करते हुए वरिष्ठ प्रो. वकुल रस्तोगी ने छात्रों के जीवन में एक शिक्षक द्वारा निभाई गई भूमिका तथा उनके अमूल्य मार्गदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरु के माध्यम से ही शिष्य जीवन में उन्नति प्राप्त कर सकता है। इसके साथ साथ विभागाध्यक्ष प्रो. अर्चना सिंह ने भी शिक्षक छात्र संबंधों पर अपना अनुभव व्यक्त करते हुए छात्र जीवन में आचरण एवम संयम की महत्ता को बताया। वहीं प्रो. चंद्रशेखर भारद्वाज के द्वारा भारतीय परम्परा के महत्वपूर्ण गुरुओं का उद्धरण देते हुए तेजस्वी शिष्यों यथा चंद्रगुप्त मौर्य, अर्जुन आदि के निर्माण में गुरु के मार्गदर्शन की भूमिका की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने व्यक्ति के जीवन में गुरु की महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाऊं , बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।
इस कार्यक्रम में श्वेता, विपिन, रोहित कश्यप, जॉनी, अर्चित बंसल, दीपांशु, विपिन एवं राजीव रंजन इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।