सरधना। कात्यायनी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में बी. फार्मा और डी. फार्मा के नवांगतुक छात्र-छात्राओ के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
इस कार्यक्रम में सभी छात्र-छात्राओ ने अपने अभिभावको के साथ भाग लिया। यह कार्यक्रम मुख्यतः विद्यार्थियो को कॉलेज की समस्त गतिविधियो व पाठ्यक्रम से अवगत कराने के लिए आयेजित किया जाता है। जिसके फलस्वरूप छात्र – छात्राओ को सही मार्गदर्शन कराना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक अंकुश शर्मा, फार्मेसी प्राचार्य डा. छतर सिंह व शिक्षा विभाग अध्यक्ष मीना शर्मा एवं मुख्य अतिथि योगेन्द्र शर्मा ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर तथा पुष्प अर्पित करके किया। संस्थान के निदेशक अंकुश शर्मा ने फार्मेसी में प्रवेश पाने वाले सभी छात्र – छात्राओ का स्वागत किया और बधाई दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि यह वास्तव में आपके सपनो को पूरा करने और अपने लक्ष्यो को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है और चूँकि अगले 4 वर्षो तक आप इस संस्थान का हिस्सा बनने जा रहे है, और उम्मीद करते हैं कि आप यहाँ से शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य उज्जवल करे।
संस्थान के निदेशक, फार्मेसी प्राचार्य, शिक्षा विभागाध्यक्ष द्वारा मुख्य अतिथि श्री योगेन्द्र शर्मा जी को सम्मानित किया गया। योगेन्द्र शर्मा ने छात्र-छात्राओ से कहा कि आप यहाँ अपने ज्ञान, कौशल, सीखने और अपनाने की आदतो को विकसित करेगे ।
तत्पश्चात डा. छतर सिंह ने छात्र – छात्राओ. का स्वागत करते हुए अनुशासन से जुड़े कुछ तथ्यो पर प्रकाश डाला तथा फार्मेसी क्षेत्र से जुडी जानकारियाँ देते हुए कहा कि शोध कार्यो के कारण नई दवाईयाँ उपलब्ध हो रही है जिससे रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
कार्यक्रम के दौरान क्वीज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया तथा अव्वल आने वाले छात्र-छात्राओ को पुरूस्कृत किया गया तथा नवांगतुक छात्र – छात्राओ ने मंच के माध्यम से अपना परिचय ओर अपनी कौशलता के बारे में बताया। डी. फार्मा के छात्र प्रमोद भाटी ने अपनी गायकी से सभी को तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया । तत्पश्चात कार्यक्रम को अग्रसर करते हुए छात्रो को फार्मेसी लेब, हर्बल गार्डन, म्यूजियम, पुस्तकालय, कंप्यूटर लेब व फुड कॉर्ट का भ्रमण कराते हुए उनकी फार्मसी में उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यक्रम के सफल संचालन में सिम्मी चौधरी, राहुल कुमार, निखिल सोम, शक्ति सिंह, समीक्षा चौधरी, श्वेता, मनीषा, जुबेर, सोयब, शेखर सोम, कपिल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।