
नई दिल्ली एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रायगढ़ किले में जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी यह यात्रा शिवाजी महाराज की समाधि के जीर्णोद्धार के शताब्दी समारोह के अवसर पर भी हुई। शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अलावा भाजपा नेता और शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले भी थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का अप्रैल 1680 में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण रायगढ़ किले में निधन हो गया था। शाह ने कहा कि न किस्मत उनके साथ थी, न अतीत उनके साथ था, न धन था, न सेना थी। एक बालक ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय से पूरे देश को स्वराज का मंत्र दिया। देखते ही देखते उसने 200 साल पुरानी मुगल हुकूमत को चकनाचूर कर दिया और देश को आजाद करा दिया। उन्होंने कहा कि आज आजादी के 75 साल बाद हम दुनिया के सामने सिर ऊंचा करके खड़े हैं। हमारा संकल्प है कि जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब हमारा भारत दुनिया में नंबर 1 होगा, शिवाजी ने अपना मूल सपना रखा था। शाह ने दावा किया कि शिवाजी महाराज की विरासत सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि देश और दुनिया को उनके आदर्शों की जरूरत है। शाह का यह दौरा राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसमें औरंगजेब और शिवाजी महाराज जैसे ऐतिहासिक व्यक्तियों की विरासत को लेकर बहस तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री रायगढ़ और नासिक जिलों के लिए संरक्षक मंत्रियों की विवादास्पद नियुक्ति के संबंध में महायुति गठबंधन के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुष्टि की कि शाह राज्य एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे से दोपहर के भोजन के लिए
अपने आवास पर मुलाकात करेंगे, उनके साथ सीएम फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी होंगे। पवार ने संवाददाताओं से कहा, ष्बैठक के दौरान रायगढ़ और नासिक के लिए संरक्षक मंत्री का मुद्दा उठने की उम्मीद है।