मेरठ। अधिवक्ता के भतीजे पर हुए जानलेवा हमले के बाद परिवार दहशत में आ गया है। थाना पुलिस भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। आरोप है कि हमलावरों के खिलाफ हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले में लीपापोती की जा रही है। घटना के बाद से हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। आलाधिकारी भी जांच की बात कहकर टरका रहे हैं। वहीं पुलिस द्वारा पीडित पक्ष पर मुचलके का नोटिस जारी कर दिया है। मामले में इंसाफ नहीं मिला तो डीजीपी से मिलने लखनऊ जाएंगे।
लालकुर्ती निवासी अफजाल पुत्र स्वर्गीय खुर्शीद निवासी लालकुर्ती इंडिया मोहल्ला पेशे से अधिवक्ता है। 30 जुलाई को रात साढ़े दस बजे भतीजा अरमान पुत्र इकबाल घर के बाहर घूम रहा था। तभी घोसी मोहल्ला निवासी युवक द्वारा बाइक की साइड लग गई। अरमान द्वारा हल्के चलाने पर कहा तो वह भाग गया। आरोप है कि अरमान बाजार में सामान लेने पहुंचा तभी इस्माइल, अमन, फैजान, अब्दुल उर्पु खुल्लू पुत्रगण अय्युब व नमीर पुत्र इकबाल अपनी घ्स्कुटियों से मौके पर पहुंचे और गाली गलौंच करने लगे। इस बीच उक्त युवकों द्वारा अधिवक्ता के भतीजे पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। बीच बचाओ में आए क्षेत्र के ही करीम पुत्र रसीद, गौतम पुत्र राज कुमार व राहुल पुत्र गोपाल को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। उक्त घायलों को परिजनों द्वारा जिला अस्पताल ले गए जहां अरमान को 22 टांके आए। आरोप है कि हमलावरों द्वारा फैसला न करने पर जान से मारने धमकी दी। मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच की। जिसके बाद पुलिस ने धारा 191 (2)191(3 190 115 118 131 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया। जिसके बाद भी हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद मामला सीओ कैंट पहुंचा। सीओ कैंट ने जांच की बात कही। इसके बाद पीडित अधिकवक्ता ने जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत भेजी। आरोप है कि विवेचक पर आयी आख्या में लगाए गए आरोपों को विवेचक द्वारा शिकायत को झूठा बताकर शासन को रिपोर्ट भेज दी। जिसके बाद पीडित पक्ष और दहशत में आ गया। अफजाल का आरोप है कि सोमवार पुलिस द्वारा उनके घर पर मुचलके का नोटिस जारी कर दिया है। वहीं पीडित का कहना है कि अगर उन्हे इंसाफ नहीं मिला तो वह डीजीपी से मिलने लखनऊ जाएंगे।