
हापुड़। साहित्य उपवन रचनाकार के तत्वावधान में यमुना बिहार दिल्ली के बौद्ध विहार में एक विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में कराया गया। कार्यक्रम का आगाज कवि आर डी गौतम विनम्र द्वारा बुद्ध वंदना से हुआ। उपवन की स्वर कोकिला अंशी कमल ने मधुरिम स्वर में स्वागत गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। मंच की शोभा बढ़ाने वाले साहित्य के कई श्रेष्ठ हस्ताक्षर जिनमें कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ. सुनीता सक्सेना, मुख्य अतिथि कवयित्री शोभना श्याम, विशिष्ट अतिथि मदन लाल राज सारस्वत अतिथि डॉ. अशोक मधुप, उपवन के संरक्षक डॉ. राकेश सक्सेना जी, उपवन के मार्गदर्शक डॉ. अशोक कुमार मयंक जी, एवं सिद्धार्थ बुद्ध विहार के अध्यक्ष/ भूतपूर्व विधायक श्री बलजोर सिंह जी रहे। काव्य गोष्ठी बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी इसलिए सभी रचनाकारों ने अपने काव्य पाठ में बाबा साहेब के संघर्ष को केंद्र में रखकर काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का शानदार मंच संचालन वरिष्ठ कवियत्री सुधा बसोर सौम्या व आर डी गौतम विनम्र ने समवेत रूप से किया। इस अवसर पर उपवन के युवा कवि डॉ. कृष्ण कांत मिश्र की पुस्तक ‘दिव्याजंलि’ का विमोचन उपवन के संरक्षक डॉ. राकेश सक्सेना के द्वारा किया गया। हापुड़ के जनकवि बेखौफ शायर डा.नरेश सागर ने अपनी बेबाक व निर्भीक कलम के अंदाज में सभी को मंत्रमुग्ध करते हुए दहाड़ते हुए पढ़ा कि कथनी और करनी में अंतर ढूंढ रहा हूं। सबको जगा सकूं वो मंत्र ढूंढ रहा हूं।। बातों के बनाने से ना बदलेगा ये निजाम। मैं भीड़ में अम्बेडकर -भगत सिंह ढूंढ रहा हूं। कार्यक्रम में सभी धर्मों के कवियों ने भाग लिया और बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर पर काव्य पाठ किया । इस अवसर पर डॉ. राकेश सक्सेना, डॉ. अशोक कुमार मयंक, डॉ. सुनीता सक्सेना, दिनेश आनंद, दिनेश कुमार, रजनीश त्यागी राज, स्नेहलता भारती, निवेदिता शर्मा, शोभना श्याम, डॉ. अमृता अमृत, कंचन वार्ष्णेय कशिश, मदन लाल राज, ऊषा शर्मा, कृष्णकांत मिश्र , अंशी कमल (उत्तराखंड), कमला उनियाल जी(उत्तराखंड), संगीता बहुगुणा संगी (उत्तराखंड), डॉ. नरेश सागर (हापुड़) सोनिया सरीन साहिबा, सुधा बसोर सौम्या, आर. डी. गौतम विनम्र, सुरेंद्र खेड़ा (मेरठ), एडवोकेट पवन मल्होत्रा (हरियाणा), अलका जैन आनंदी, जय बहादुर सिंह राणा, रजनीकांत, डॉ. अशोक मधुप (नोएडा), जितेंद्र जीत (नोएडा), प्रेम सागर प्रेम (नोएडा) महेंद्र चतुर्वेदी एवं डॉ. रोहित रोज आदि रहे।