बरेली एजेंसी। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी जगदीश पाटनी से 25 लाख की ठगी हो गई। सरकार में उच्च पद और आयोग में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनवाने के नाम पर उनसे रुपए लिए गए। मामले में जूना अखाडेघ् के आचार्य समेत 5 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जगदीश पाटनी को 3 महीने में काम पूरा न होने पर रुपए ब्याज समेत लौटाने का वादा किया गया था। लेकिन, 6 महीने बाद भी कुछ ना हो सका। जगदीश पाटनी को ना तो कोई पद मिला और न ही रकम वापस की गई। रिटायर्ड डिप्टी एसपी जगदीश पाटनी बरेली के सिविल लाइंस इलाके में रहते हैं। वह कहते हैं कि शिवेंद्र प्रताप सिंह उनके परिचित हैं। शिवेंद्र ने उनकी मुलाकात दिवाकर गर्ग और जूना अखाड़े के आचार्य जय प्रकाश से कराई। इन लोगों ने जगदीश पाटनी को भरोसा दिलाया कि वे उनको सरकारी आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या अन्य प्रतिष्ठित पद दिलाने में मदद कर सकते हैं। शुरुआत में इन लोगों ने अपने बड़े राजनीतिक संपर्कों का हवाला देकर जगदीश पाटनी का विश्वास जीत लिया। उन्होंने जगदीश को बताया कि उनके पास ऐसे कई संपर्क हैं, जो सरकार में उच्च पदों पर नियुक्ति दिला सकते हैं। कुल 25 लाख रुपए लिए, कई महीने तक टहलाते रहे: इसके बाद आरोपियों ने जगदीश पाटनी से 25 लाख रुपए की मांग की। 5 लाख रुपए कैश लिए और 20 लाख तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराए। इस लेन-देन के बाद भी जगदीश पाटनी को कोई आश्वासन नहीं मिला कि उनका काम पूरा होगा। जब कई महीने बीत गए और कोई परिणाम नहीं निकला, तब जगदीश पाटनी को शक हुआ। मंत्री का फर्जी ओएसडी बनाकर मिलवाया: इसी बीच, आरोपियों ने अपनी योजना को और पुख्ता करने के लिए जगदीश से एक व्यक्ति को मंत्री का ओएसडी हिमांशु बताकर मिलवाया। इस मुलाकात का उद्देश्य जगदीश पाटनी का विश्वास और मजबूत करना था। ताकि, वे आगे की रकम देने में हिचकिचाएं नहीं। जब 3 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो पाटनी ने आरोपियों से संपर्क किया। शुरुआत में उन लोगों ने आश्वासन दिया कि काम हो रहा है। कुछ समय में पूरा हो जाएगा। लेकिन, बाद में उन्होंने पैसे वापस करने से भी इनकार कर दिया और उल्टा धमकियां देने लगे।
पुलिस में शिकायत और कानूनी कार्रवाई जब जगदीश पाटनी को यकीन हो गया कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं, तो उन्होंने मामले की शिकायत एसएसपी से की। एसएसपी के आदेश पर कोतवाली थाने में शिवेंद्र प्रताप सिंह, दिवाकर गर्ग, प्रीति गर्ग, आचार्य जय प्रकाश और ओएसडी हिमांशु के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी में केस दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर कोतवाली डीके शर्मा ने बताया- आरोपियों के ठिकानों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हो सकता है कि आरोपियों ने न केवल रिटायर्ड अधिकारी से, बल्कि अन्य लोगों से भी इसी तरह ठगी की है। आचार्य जय प्रकाश और दिवाकर गर्ग जैसे व्यक्तियों ने धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव का फायदा उठाते हुए इस ठगी को अंजाम दिया। एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया- पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों और संपत्तियों को जांचा है।
यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह गिरोह और लोगों को भी इसी तरह ठगने में शामिल तो नहीं है। पुलिस के अनुसार, मामले में आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें कोर्ट में दोषी ठहराया जा सके।