मेरठ संवाद सूत्र। मेरठ में रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी एससी जैन को साइबर ठगों नें सीबीआई अफसर बताकर 5 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। इतना ही नहीं अपराधियों ने 78 वर्षीय बुजुर्ग पर टॉर्चर की इंतेहा कर दी। क्रिमिनल्स ने एससी जैन को 1-1 घंटे तक ऑन कॉल रखा। उन्हें वॉशरूम भी नहीं जाने दिया। उनसे कहा अगर किसी को भी इसकी जानकारी दी तो तेरी पत्नी, बेटा सब फंसेंगे, सब जेल जाएंगे..इसलिए जैसा कहते हैं जो कहते हैं करता जा…। बुजुर्ग एससी जैन परिवार को बचाने की खातिर वो सब करते रहे जो क्रिमिनल्स ने उनसे करवाया। यहां तक कि नौकरी के दौरान की गई अपनी सेविंग्स को तुड़वाकर उन्होंने तुरंत 15 लाख रुपयों का इंतजाम किया। साइबर अपराधियों ने सीडीए के रिटायर्ड कर्मचारी को 5 दिन तक उनके ही घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। बच्चों के मानव अंगों की तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी। जेल जाने के डर से बुजुर्ग ने 15 लाख रुपये साइबर अपराधियों द्वारा बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। पूरे मामले में साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई है। नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी 78 वर्षीय एससी जैन बुजुर्ग सीडीए से रिटायर हैं। 8 नवंबर को उनके मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम अधिकारी दीपक यादव बताते हुए कहा कि आपके नाम एक गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। उन्हें 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मानव अंगों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने 17 बच्चों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है। उनके अंग अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये में बेच दिए हैं। बच्चों के परिजनों को शव सौंपने के लिए उनसे 68 लाख रुपये की फिरौती वसूली गई है। यह रकम आपके एचडीएफसी बैंक खाते में जमा कराई है। उनका आधार कार्ड भी वीडियो कॉल पर दिखाया गया। ये सुनकर एससी जैन बुरी तरह से डर गए। एससी जैन इस पूरी हैपनिंग के बाद इतने खौफ में हैं कि वो कुछ बोल नहीं पा रहे।
एसी जैन के बेटे राहुल जैन केा जैसे ही पिता के साथ हुई इस घटना के बारे में पता चला वो तबसे मम्मी-पापा के ही साथ हैं। राहुल ने बताया कि पापा ने वो 15 लाख रुपए सेविंग्स से निकालकर दिए। ये 15 लाख रुपए एससी जैन ने अपनी सीडीए की नौकरी के दौरान की सेविंग की थी। जब साइबर ठग ने उनसे तुरंत पैसे मांगे तो वो कुछ समझ नहीं पाए, उन्होंने किसी को बताए बिना अपनी जिंदगी भर की कर्मा की बचत के 15 लाख रुपए निकाले और ठगों को दे दिए। क्योंकि उन्हें डर था अगर वो पैसे नहीं देंगे तो वो लोग उनकी पत्नी और बेटे के साथ कुछ गलत कर देंगे।