मेरठ। 250 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया। मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएम) के डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टर्स से हुई मारपीट से आहत होकर ये फैसला लिया। दरअसल, सोमवार देर रात में इमरजेंसी में एक महिला मरीज की मौत हो गई थी। इसको लेकर जूनियर डॉक्टर्स-तीमारदारों में मारपीट हो गई। एक जूनियर डॉक्टर का सिर फूट गया। इसके बाद डॉक्टर भड़क गए। तीमारदारों की पिटाई कर दी। डॉक्टरों ने तीमारदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। वे ओपीडी से बाहर आकर परिसर में धरने पर बैठ गए। मरीज इलाज के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे में भटकते रहे, लेकिन इलाज नहीं मिला। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे काम पर नहीं लौंटेगे। मंगलवार को रिजाइन कर चुके जूनियर डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज में मरीज और तीमारदार की गाड़ी तोड़ दी। कार सवार किसी का इलाज कराने आया था। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते उपचार नहीं मिल पाया। उसने किसी डॉक्टर को गुस्से में अभद्र भाषा बोल दी। इससे नाराज डॉक्टरों ने पुलिस के सामने ही उसकी गाड़ी तोड़ दी। जूनियर डॉक्टरों ने की तहरीर पर मेडिकल थाने में तीमारदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। रातभर इमरजेंसी में हंगामा चला। जूनियर डॉक्टर भी अपनी सुरक्षा के सवाल को लेकर प्रदर्शन करने लगे। डॉक्टरों ने कहा- जूनियर डॉक्टर मनीष से मारपीट करने वाले 12 घंटे में पकड़े नहीं गए तो मेडिकल अस्पताल में आंदोलन करेंगे। मेडिकल इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर मनीष पर हमले से अन्य डॉक्टरों में आक्रोश है। वहीं, डॉक्टरों ने काम ठप कर मरीजों और तीमारदारों का एंट्री रोक दी है। इससे इमरजेंसी में लाए गए मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। देर रात तक सीनियर डॉक्टर और पुलिस अधिकारी जूनियर डॉक्टर को समझाने में जुटे रहे। लेकिन वे गिरफ्तारी की मांग अड़े रहे।
रात नौ बजे महिला की मौत के बाद मेडिकल इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टरों और तीमारदारों में मारपीट के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजन महिला का शव छोड़कर चले गए। वहीं, जूनियर डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धीरज बालियान और डॉ. ज्ञानेश्वर टांक मौके पर पहुंचे और जूनियर डॉक्टरों को समझाने की कोशिश की। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. साक्षी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को 12 घंटे का समय दिया है। अगर गिरफ्तारी नहीं होती तो जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। डॉक्टरों का कहना था कि घटना के समय सुरक्षाकर्मी मौके पर नहीं थे। पहले भी इस तरह की घटनाओं के बाद सुरक्षा की मांग की जा चुकी है। लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। घटना की शिकायत एसएसपी से की जाएगी। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी के बाहर स्थायी पुलिस चेक पोस्ट की मांग की जाएगी। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि जूनियर डाक्टरों की मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। घटना के विरोध में उन्होंने काम का बहिष्कार किया है। समझाने का प्रयास जारी है।
पूरे मामले में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि महिला की मौत के बाद डॉक्टरों की तहरीर पर महिला के बेटे और उसके दोस्त के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।