मेरठ। मसाइकलॉजिकल काउन्सलिंग सेंटर, सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ एवं मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया, मेरठ के सयुंक्त तत्वाधान में मायक्रोबायआलॉजी विभाग,में आत्महत्या रोकथाम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य् वक्ता प्रो॰ अनीता मोरल, मनोविज्ञान विभाग, मेरठ कॉलेज से रहीं। उन्होंने कहा आज विद्याथियों का सुसाइड दर बहुत बढ़ा हुआ है जिसमें रिलेशनशिप समस्याएं, पारिवारिक कलह, फेलियर आदि, मानसिक समस्यायों और आत्महत्या के मुख्य कारणों में है। उन्होने बताया कि आत्महत्या के लिए कदम उठाने से पहले लोग कुछ न कुछ साइन देते हैं जिन्हें परिवार जन एवं मित्रों को पहचाना आवश्यक है। उन्होने कहा कि यही हमे अपने आस पास अगर ऐसा कोई ऐसा व्यक्ति दिखता है तो उससे संजीदगी से बात करनी चाहिए। ताकि वो आत्महत्या जैसा भयाभय कदम ना उठाये। कार्यक्रम के बारे में बताते हुए मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो0 संजय कुमार ने कहा कि की बढ़ते हुए आत्महत्या के ग्राफ को कम करने की जिम्मेदारी हम सबकी है, जिसके लिए हम सबको मिलजुलकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है जिसे अपनी जिंदगी के संबंध में हमे स्वीकार कर ही है लेना चाहिए। यदि जिंदगी में कभी ऐसा लगे कि हमारी जिंदगी में कुछ नही बचा है तो हमे खुद को बोलना है की जिंदगी में अगर समस्याएं हैं तो हर समस्या का हल है। और खुद को बताएं की आज अगर बुरा समय है तो परिवर्तन के नियम के तहत खुशियां जल्द ही बापिस आएंगी और सब कुछ ठीक हो जायेगा और इस विचार के साथ हैं सदैव आशावान रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र कुमार ने की एवं कार्यक्रम में विभाग के सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित रहे।