
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। क्रांति दिवस की पूर्व संध्या पर मेरठ कॉलेज के इतिहास विभाग के संग्रहालय में बड़ी धूमधाम से क्रांति दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहास विभाग की प्रोफेसर अर्चना सिंह ने की। सभा को संबोधित करते हुए डॉक्टर वकुल रस्तोगी ने बताया कि 1857 की क्रांति, जिसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है, मेरठ में 10 मई 1857 को शुरू हुई थी। यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक विद्रोह की शुरुआत थी। इस विद्रोह के कई कारण थेकृराजनीतिक, आर्थिक शोषण से लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक हस्तक्षेप तक। लेकिन इसकी तात्कालिक वजह मेरठ के सैन्य छावनी में घटित एक घटना थी। डॉक्टर अर्चना सिंह ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय सिपाहियों के लिए एनफील्ड राइफलें शुरू की थीं। संचालन करते हुए प्रोफेसर चंद्रशेखर भारद्वाज ने कहा कि 24 अप्रैल 1857 को मेरठ में 3वीं बंगाल लाइट कैवेलरी के 85 सिपाहियों ने इन कारतूसों को प्रयोग करने से मना कर दिया। इसके कारण उन्हें कोर्ट मार्शल कर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया कार्यक्रम में विपिन कुमार एवं अलकेश कुमार के नेतृत्व में 1857 की क्रांति से संबंधित एक क्विज कंपटीशन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रोहित कुमार शिव वर्धन जॉनी दीपक आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम की सफलता पर मेरठ कॉलेज के मंत्री विवेक कुमार गर्ग एवं प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने गहरा संतोष व्यक्त किया।