
मेरठ वरिष्ठ संवाददाता। इंचौली के लावड़ इलाके में कुछ दिनों पहले पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति के परिवार की महिलाओं पर लाठियां भांजने का मामला तूल पकड़ गया है। शनिवार को क्षेत्रीय सपा विधायक अतुल प्रधान पीड़ित परिवार को लेकर कप्तान ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़ितों पर दर्ज हुए मुकदमे को लेकर रोष जाहिर किया। इसी के साथ आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग की। सपा विधायक ने इस मामले में कार्यवाही न होने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्तरीय बड़ी महापंचायत का ऐलान किया है। शनिवार को सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान लावड़ कस्बे के खारी कुआं की रहने वाली कविता और उसके परिवार के लोगों को लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंचे। अधिकारियों से मिलकर सपा विधायक ने बताया कि बीते बुधवार को कविता के पति सुशील और उसके छोटे भाई अनिल के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी बीच वहां से फैंटम पर गुजर रहे थाने के दो दरोगा दोनों युवकों को जबरदस्ती थाने ले जाने लगे। परिवार के लोगों ने विरोध किया तो दरोगाओं ने थाने से पुलिस बुला ली। आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने दलित परिवार के पुरुषों और महिलाओं पर लाठियां बरसाते हुए बुरी तरह उनकी पिटाई की। इसके बाद सबको ले जाकर हवालात में डाल दिया। अनिल और सुशील के परिवार पर पुलिस पर हमले का आरोप लगाते हुए एक दरोगा की तहरीर पर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद दोनों भाइयों और उनकी मां को जेल भेज दिया। शुक्रवार को कविता क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ कप्तान ऑफिस पहुंची थी। जहां उसने पुलिस द्वारा अपने परिवार की महिलाओं की पिटाई करने का वीडियो कप्तान को सौंपा था। मगर इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सपा विधायक ने आरोप लगाया कि भाजपा के राज में लगातार दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। यही कार्यवाही अगर पुलिस किसी मजबूत व्यक्ति के साथ करती तो अब तक आरोपी पुलिसकर्मी सींखचों के पीछे होते। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया तो सपा पीड़ितों के साथ खड़ी है। इस मुद्दे को लेकर सपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्तरीय एक महापंचायत लावड़ में आयोजित करेगी। इसके बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को एससी-एसटी और महिला आयोग में भी उठाने की बात कही।वहीं, सीओ दौराला का कहना है कि अनिल और सुशील के परिवार द्वारा पुलिस पर हमला किया गया था। इस मामले में दरोगा की तहरीर पर मुकदमा कायम किया गया था। अनिल के परिजनों द्वारा एक वीडियो अधिकारियों को सौंपा गया है। जिसमें पुलिस परिवार की महिलाओं के साथ मारपीट करती नजर आ रही है। इस वीडियो की जांच करते हुए इसे भी उक्त मुकदमे में तथ्य के रूप में शामिल किया जाएगा।