
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के परिसर में रविवार को भारतवर्ष के पहले और अद्वितीय ‘ज्योतिष समागम 2025’ का सफल आयोजन किया गया। भारतीय संस्कृति और प्राचीन ज्योतिषीय परंपराओं को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल के रूप में आयोजित “ज्योतिष समागम 2025 में देश-विदेश से आए 70 विख्यात ज्योतिषाचार्यों ने भाग लिया। 1074 लोगों ने पंजीकरण कराने के उपरांत ज्योतिषिय परामर्श का लाभ उठाया। इस अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय में ज्योतिष और वास्तु में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश भी शुरू किए गए।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय में रविवार को एक ओर जहां विख्यात ज्योतिषाचार्यों का आगमन हुआ वहीं सुबह से ही अपना भविष्य जानने और समस्याओं का निदान पाने की इच्छा लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। अवसर था विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘ज्योतिष समागम 2025’ का जिसमें पंजीकृत प्रतिभागियों को निःशुल्क परामर्श प्रदान किया।
वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत जन्मपत्री विश्लेषण, ग्रह दोष निवारण और कुंडली मिलान जैसे परामर्श प्रदान किए गए। अंक ज्योतिष के माध्यम से लोगों को उनके नाम और भाग्य में सुधार हेतु अंक विज्ञान आधारित सलाह दी गई। टैरो कार्ड रीडिंग द्वारा प्रतिभागियों को मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रश्नों का समाधान सुझाया गया। हस्तरेखा शास्त्र के विशेषज्ञों ने हथेली की रेखाओं के आधार पर भविष्यवाणियां कीं और जीवन की संभावित दिशा बताते हुए सुझाव भी दिए। वास्तु परामर्श में गृह, कार्यालय और भूमि से जुड़े वास्तु दोषों के समाधान बताए गए। रेकी और औरा रीडिंग के माध्यम से ऊर्जा संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के उपाय साझा किए गए। फेस रीडिंग के जरिए चेहरे के भावों और बनावट का विश्लेषण कर व्यक्तित्व की विशेषताओं को उजागर किया गया। नाड़ी परामर्श के अंतर्गत आयुर्वेदिक पद्धति से शारीरिक और मानसिक समस्याओं का निदान किया गया। वहीं प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञों ने बिना दवा के जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं का समाधान सुझाया। कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी क्षेत्र भी बनाया गया था, जहाँ ज्योतिष से संबंधित पुस्तकें, रत्न, यंत्र और विभिन्न परामर्श विधियों का लाइव प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त, एक संवाद सत्र का भी आयोजन हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने आधुनिक जीवनशैली में ज्योतिष की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, हम भारतीय परंपराओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं। यह आयोजन उसी दिशा में एक छोटा प्रयास है। कुलाधिपति जी ने बताया कि आईआईएमटी विश्वविद्यालय में ज्योतिष और वास्तु में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश शुरू किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति डॉ मयंक अग्रवाल ने कहा कि ज्योतिष समागम 2025 ने प्राचीन ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान किया है। इस प्रकार की पहल का उद्देश्य आमजन को प्राचीन ज्ञान और ज्योतिष शास्त्र से जोड़ना है, जिससे वे जीवन की जटिलताओं का सरल समाधान पा सकें।
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एस्ट्रोलॉजर्स सोसायटीज के अध्यक्ष अरुण बंसल ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ज्योतिष के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी। ज्योतिष समागम में विख्यात ज्योतिषाचार्यों द्वारा वैदिक ज्योतिष, अंक ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडिंग, हस्तरेखा शास्त्र, वास्तु परामर्श, रेकी, औरा, फेस रीडिंग, नाड़ी, प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से विशेष परामर्श दिया गया। कार्यक्रम संयोजक वैदिक ज्योतिष के ज्ञाता ब्रजभूषण शर्मा ने बताया कि ज्योतिष समागम 2025 के माध्यम से हम आमजन को ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने में सफल रहे हैं। ज्योतिष के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को ज्योतिष शास्त्र का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात ही किसी का भविष्य बताना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर ज्योतिषाचार्यो को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. दीपा शर्मा, प्रति कुलपति डॉ. हर्षित सिन्हा, निदेशक प्रशासन डॉ. संदीप कुमार, डीन एक्टिविटी डॉ.़ लखविन्दर सिंह, वित्त नियंत्रक नीरज मित्तल, पीए टू सीएम अमित बंसल, रचना चौधरी, आरजू मलिक, मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा आदि मौजूद रहे।