
मेरठ। ऑनलाइन दवा बिक्री व डॉक्टर द्वारा अपने क्लीनिक में बेची जा रही दवाई के विरोध में खैर नगर बाजार बंद रखकर विरोध जताया गया। महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि ऑनलाइन द्वारा जो दवाई बेची जा रही है, उसकी वजह से व्यापार प्रभावित हो रहा है। एक चौनल के माध्यम से जो खुलासा किया गया है कि अधिकतर माल उसमें नकली है और इसका नुकसान दवा व्यापारियों को उठाना पड़ता है, ये सही है। बताया कि दूसरा मुद्ददा डॉक्टर द्वारा अपने फॉर्मूलों की दवाई बनवाकर बेचना है। अपनी एमआरपी निर्धारित करवाते हैं, अपने ही क्लिनिकों में बेचते हैं, जिससे आम मरीजों को महंगी दवा व उन्हें वही से लेने पर मजबूर होना पड़ता है, जबकि हमारे व्यापारियों का बिजनेस प्रभावित होता है। आज-कल एक नया ट्रेंड बन गया है कि फूड ग्रेड में दवाई बनवाकर अनाप-शनाप एमआरपी रखते हैं, उसकी क्वालिटी कंट्रोल पर भी नहीं है, उनका फॉर्मूलेशन अपने हिसाब से बनाया जाता है और ऐसी दवाई भी सिर्फ उन्हीं लोगों के यहां ही उपलब्ध होती है, जो उसको लिखता है।
हमारी सरकार से मांग है कि मूल्य नियंत्रण आयोग का गठन कर सभी दवाइयां एवं अन्य उत्पादों पर एमआरपी निर्धारित सरकार द्वारा किया जाए। दूसरी मांग है कि डॉक्टर क्लीनिक, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रग लाइसेंस बिक्री हेतु ना दिया जाए, इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा, इसमें होता है कि एक ही आदमी का लाइसेंस देने से उसका एकाधिकार हो जाता है, अगर 100 मीटर से बाहर लाइसेंस दिए जाएंगे तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. मरीज को सस्ती दवा उपलब्ध होगी। इस मौके पर जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद गुप्ता, महामंत्री रजनीश कौशल, उपाध्यक्ष राजीव ग्रोवर, सर्जिकल संगठन के अध्यक्ष मनोज शर्मा, सुनील अग्रवाल सहित काफी व्यापारियों का सहयोग रहा।