
मेरठ वरिष्ठ संवाददाता। वक्फ संशोधन बिल के विरोध में बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए प्रदेश की ममता सरकार को जिम्मेदार बताते हुए हिंदू संगठन लामबंद हो गए हैं। शनिवार को हिंदू संगठनों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट में हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद मेरठ विभाग के विभाग मंत्री निमेष वशिष्ठ के साथ विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े सैकड़ों पुरुष और महिला कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। हाथों में पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के खिलाफ बैनर और पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया। निमेष वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में जुम्मे की नमाज के बाद सुनियोजित तरीके से हिंदुओं पर हमला किया गया। इस दौरान कई हिंदुओं का कत्ल किया गया और हिंदू मां-बहनों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया गया। सांप्रदायिक हिंसा के बाद से हिंदुओं की कई बच्चियों गायब हैं। जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
निमेष वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के इशारे पर सुनियोजित तरीके से हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार बंगाल को बांग्लादेश में तब्दील करना चाहती है। निमेष वशिष्ठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदू संगठन हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल पहुंचकर दंगाइयों को सबक सिखाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ममता सरकार को तत्काल बर्खास्त करने और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की।