
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर असौड़ा हाऊस में प्रातः 6ः45 पर श्री जी का अभिषेक एवं शान्ति धारा हुई जिसमें स्वर्ण जारी से शांति धारा करने का सौभाग्य रमेश चंदन जैन को प्राप्त हुआ एवं रजत शांति धारा करने का सौभाग्य विनोद जैन संजय जैन अतुल जैन दीपक जैन एवं महावीर भगवान पर प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य संजय जैन परिवार को प्राप्त हुआ श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर असोडा हाउस एवम् महावीर जिनालय पश्चिमी कचहरी मार्ग द्वारा संयुक्त रूप से शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई जिसमे सभी पात्रों का चयन बोलियों से किया गया ।
जिसमें घोेड़े के स्वर्ण रथ पर आदिनाथ भगवान के ख्वासी बनने का एवं श्री जी को लेकर स्वर्ण रथ पर बैठने का सौभाग्य हेमचंद जैन परिवार को प्राप्त हुआ, सारथी का सोभाग्य राजेंद्र जैन कपिल जैन परिवार को मिला, कुबेर का सौभाग्य नवीन जैन शुभम जैन अनमोल जैन परिवार को मिला, ईशान इन्द्र एवम् सनत इन्द्र का सौैभाग्य मनोज जैन राजपूत जैन एवं शान्तिनाथ युवा संघ के शोर्य, सक्षम, हर्षित, आर्जव, सम्वेग, सार्थक आदि को मिला, एवं प्रमुख आरती का सौभाग्य श्रीमती मेघना जैन मयंक जैन परिवार को मिला एवं वीर नारी युविका संघ की सौम्या, संस्कृति अनन्या, आर्जवी, सम्पदा आदि का रहा। लकी जैन ने कुबेर बन, नृत्य कर कुबेर का कलशा भरा। रथ यात्रा में मुख्य सबसे आगे जैन ध्वज, स्वर्ण रथ व प्रमुख बैन्ड यात्रा की शोभा बढ़ा रहा था। रथ पर मुख्य आकर्षण ’’ नृत्य’’- जिसमे अनेक युवक, युवतियो के नृत्यो ने सभी का मन मोेेह लिया एवं सभी युवा, युवतिया केसरिया परिधान मे घोेड़े के स्वर्ण रथ की शोभा बढ़ा रहे थे । कपिल जैन एवं संजय जैन ने ऐसे भजनो से सबको भक्तिमय नृत्य करने पर मजबूूर कर दिया। सभी युवक , युवतिया, महिलाए, एवम पुरुष सभी आदीनाथ,शान्तिनाथ, महावीर भगवान के जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे। यह यात्रा पश्चिमी कचहरी मार्ग सेे होते हुए कचहरी पुल होते हुए महावीर कीर्ति स्तंभ कमिश्नरी चौक से वापसी उसी मार्ग से होते हुए पांडुकशिला महावीर जैन मंदिर कचहरी रोड पहुंची, जहां अभिषेक के पश्चात असौड़ा हाउस मंदिर जी पर संपन्न हुई जहां श्रद्धालुओं की भीड़ ने जन्म कल्याणक की शोभा बढ़ाई एवं पूजा अर्चना कर कलशो द्वारा अभिषेक किया गया। भोजन प्रसाद की व्यवस्था सीए रामाकांत एवं सीए सौरभ जैन द्वारा कराई गई। महावीर जयंती के शुभ अवसर पर सोनिया जैन ने बताया कि हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन महावीर जयंती मनाई जाती है भगवान महावीर जैन धर्म के 24वे तीर्थंकर थे. उनकी जयंती का पावन दिन जैन धर्म के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस दिन जैन मंदिरों में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर श्री महावीर भगवान जी की पूजा अर्चना की जाती है, महावीर चालीसा का पाठ होता है और तमाम धार्मिक आयोजन होते हैं. कई जगहों पर शोभायात्रा भी निकाली जाती है. अहिंसा परमो धर्म का संदेश देने वाले भगवान महावीर ने 30 साल की उम्र में सभी सांसारिक सुखों को त्यागकर 12 वर्षों का कठोर तप किया था और इसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्ति हुई थी । रथ यात्रा मे मुख्य सहयोेग विनोद राकेश जैन, पूनम, रमेश, राजेश, विपुल, अतुल, सचिन, आभा, शोभा, पूनम, सोनिया, शशि, सविता, अनिल आदि रहे।