
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन संस्थान सेमिनार हॉल में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 तथा जनहित गारंटी अधिनियम, 2011 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के समन्वयक डॉ. विवेक कुमार द्वारा की गयी। समन्वयक डॉ. विवेक कुमार ने सभी को मातृभाषा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि अधिक से अधिक मात्रा में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम होने चाहिए, जहां नागरिको को कानूनों व नीतियों की सही जानकारी प्राप्त हो सकें। उन्होंने सूचना का अधिकार लोकतंत्र की आधारशिला है। सूचना के अधिकार अधिनियम का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना तथा सरकार की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाब देही को बढ़ाना एवं भ्रष्टाचार को रोकना है।
इसी कानून को और सशक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 में आम नागरिकों ने सबसे महत्वपूर्ण कानून जनहित गारन्टी अधिनियम, 2011 पारित किया तथा यह भी महत्वपूर्ण जानकारी दी कि अधिनियम की धारा 8 में यह बताया गया कि सभी जानकारी सूचना के अधिकार में नही आती, जिसका ज्ञान सभी को होना लोकतंत्र के लिए अति आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभाग को समय बाध्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबाधित किया गया है। , कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. हरफूल सिंह ने सभी को कार्यक्रम की शुभकामनायें दी। कार्यक्रम में डॉ. विकास कुमार ने अपने विचार रखते हुये कहा कि माननीय उच्चतम् न्यायालय ने वर्ष 1975 में राज नारायण बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में कहा कि लोग तब तक अभिव्यक्त नहीं कर सकते जब तक कि ना जाने इसी कारण सूचना का अधिकार 19 (1)(क) में निहित है। भारत मंे लोकतंत्र है इसलिये लोगो को यह जानने का अधिकार है कि सरकारे जो उनकी सेवा के लिये है वे क्या कर रही है।
आशीष कौशिक ने कहा कि जनहित गारंटी अधिनियम, 2011 का विश्लेषण करते हुए बताया कि जनहित गारंटी अधिनियम के माध्यम से सभी लोक प्राधिकारी को निश्चित समय में सेवायें प्रदान करनी होगी। अन्यथा की स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार ने नामित प्रधाकिरों को नियुक्त किया है कार्यक्रम में एलएलएम, एलएलबी एवं बीए एलएलबी के छात्र-छात्रायें अरशद, प्रीति, संजीवनी, माही, दीक्षा, मानसी, पलक, तृप्ति, अनु, सिंधुजा ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुशील कुमार शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. मीनाक्षी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डा. कुसुमा वती, डा.अपेक्षा चौधरी, डा. धनपाल, डा. महिपाल डा. अरशद शैख एवं संस्थान के समस्त छात्र-छात्रायें उपस्थिति रहें।