वियनतियाने एजेंसी। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यहां बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ष्भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता को सपोर्ट करता रहा है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है।ष्
पीएम मोदी ने कहा, दुनिया भर में जारी अलग-अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है। ईस्ट एशिया समिट शुरू होने से पहले च्ड मोदी ने अमेरिका के विदेश मंत्री से मुलाकात की।
ईस्ट एशिया समिट शुरू होने से पहले च्ड मोदी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। उन्होंने मिल्टन तूफान में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में इंडिया-आसियान समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान मोदी ने इंडिया-आसियान समिट को संबोधित भी किया था। मेरा मानना है कि 21वीं सदी इंडिया और एशियन देशों की सदी है। आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है, भारत और एशियन की मित्रता, संवाद और सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि, मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी। पिछले एक दशक में इस नीति ने भारत और एशियन देशों के संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है। साथ ही मोदी ने लाओस में भारत और बु्ररूनेई के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने की घोषणा की। पीएम मोदी लाओस में 10वीं बार इंडिया-आसियान समिट में शामिल हुए। इससे पहले लाओस पहुंचने पर बौद्ध भिक्षुओं ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वियनतियाने में लाओस की रामायण भी देखी।