फर्रुखाबाद एजेंसी। फर्रुखाबाद में एसडीएम के सामने लेखपालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कपडेघ् और फाइलें फाड़ दीं। पुलिस वालों तक को नहीं छोड़ा। आखिर में पुलिस ने लाठी चार्ज कर लोगों को खदेड़ा। इसके बाद लेखपालों की जान बची। गुस्साए लेखपालों ने थाने का घेराव कर दिया। धरने पर बैठ गए। सोमवार देर रात पुलिस ने 10 नामजद समेत 30 लोगों के खिलाफ थ्प्त् दर्ज की। इसके बाद लेखपाल शांत हुए। दरअसल, 28-29 सितंबर को यादवों के 23 मकानों को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। एक्शन के बाद 2 दिन बाद सोमवार को लेखपाल जमीन की पैमाइश करने पहुंचे थे। उन्हें देखते ही ग्रामीण भड़क गए और पीट दिया। फिलहाल, नवाबगंज में तनाव का माहौल है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात है। लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह ने शिकायत में बताया- सोमवार को मैं एसडीएम रजनीकांत पांडे, सीओ अरुण कुमार के साथ हटाए गए अतिक्रमण का निरीक्षण करने पहुंचा था, तभी आसपास के लोग जुट गए। एक व्यक्ति ने भीड़ को उकसा दिया। उसने कहा- लेखपाल को घेरकर मार डालो। इसके बाद भीड़ ने मुझे और दो और लेखपालों को घेर लिया। ग्रामीणों ने गाली-गलौज करते हुए दौड़ा लिया।
फाइलें फाड़ दीं। नक्शा लूट लिया। लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इसमें महिलाएं भी शामिल थीं। ग्रामीणों ने
पुलिसवालों को भी नहीं छोड़ा। पुलिसकर्मियों ने लाठी फटकार हम लोगों को जान बचाई।
अगर पुलिस नहीं बचाती तो ग्रामीण हम लोगों को जान से मार देते।