मेरठ संजीव कुमार। एस्टोनिया पर जर्मनी, पोलैंड, रशिया, फ्रांस समेत कई देशों का कब्जा रह चुका है। मगर फिर भी आजादी मिलते ही एस्टोनिया अपनी मेहनत और हुनर की बदौलत पूरी दुनिया में खुद को साबित किया है। योरोप के केंद्र में स्थित एस्टोनिया की राजदूत मारिया लूप ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय के सभागार को संबोधित करते हुए ये विचार रखे।
मंगलवार को आईआईएमटी विश्वविद्यालय पहुंची एस्टोनिया की राजदूत मारिया लूप का आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने स्वागत किया। कुलाधिपति योगेश मोहन गुुप्ताा ने राजदूत मारिया लूप का विश्वविद्यालय आगमन पर आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय भ्रमण के दौरान राजदूत मारिया लूप ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय के हरित और शैक्षिक वातावरण की प्रशंसा की। कार्यक्रम को संबोधित करने सेमिनार हॉल पहुंची राजदूत मारिया लूप का विद्यार्थियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मंच संचालन कर रहीं एकता शर्मा ने राजदूत मारिया लूप का जीवन परिचय दिया। विद्यार्थियोें को संबोधित करते हुए एस्टोनिया की राजदूत मारिया लूप ने कहा कि एस्टोनिया में अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच, जर्मन, रशियन, पोलिश भाषाएं भी बोली जाती हैं। एस्टोनिया में भारी तादात में हिंदुस्तानी लोग भी रहते हैं और यहां की संस्कृति को जिंदा रखे हुए हैं। एस्टोनिया के व्यापार सलाहकार विनोद बसलिस्ल ने एस्टोनिया में रहने और व्यापार करने के लाभ गिनाए। उन्होंने कर की बेहद कम दर और बाकी लाभ गिनाते हुए आईआईएमटी के सभी विधाओं के छात्रों से भविष्य में एस्टोनिया को भी एक विकल्प मानने की सलाह दी।छात्रों को संबोधन के बाद राजदूत महोदया ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। प्रति कुलपति प्रोफेसर वैभव श्रीवास्तव ने राजदूत मारिया लूप और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के डीन डॉ लखविंदर सिंह ने एस्टोनिया के व्यापार सलाहकार विनोद बसलिस्ल का पटका पहनाकर सम्मान किया। प्रति कुलपति प्रोफेसर वैभव श्रीवास्तव ने अतिथियों का विश्वविद्यालय आगमन पर आभार व्यक्त किया। आयोजन में निदेशक प्रशासन डॉ. संदीप कुमार, रेडियो डायरेक्टर डॉ सुगन्धा व सभी विभागों के डीन, एचओडी, शिक्षक और छात्रों का सहयोग रहा।