बिजनौर निजी संवाददाता। एसडीएम सदर को सदर विधायक व उनके पति से पंगा लेना महंगा पड़ गया। सदर विधायक की शिकायत पर शासन ने एसडीएम सदर जालौन के लिए स्थानांतरण किया। इतना ही नहीं ये भी आदेशित किया कि वे तत्काल प्रभाव से नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे अनुशासनहीनता मानी जाएगी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम सदर मनोज कुमार उसे वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने सदर विधायक सूचि मौसम चौधरी की कॉलोनी को अवैध कॉलोनी घोषित करते हुए कॉलोनी के बाहर बोर्ड लगा दिया था। यह बोर्ड भले ही उन्होंने सदर विधायक की कॉलोनी के बाहर लगवाया हो हूं लेकिन तभी से एसडीएम सदर की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। चर्चा है की तहसील में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सदर विधायक खुल के सामने आ गई थी। उन्होंने भ्रष्टाचार का ठीठरा एसडीएम सदर मनोज कुमार पर फोड़ते हुए उनकी शिकायत शासन से की थी। सदर विधायक ने आरोप लगाया था कि एसडीएम सदर मनोज कुमार के कारण तहसील में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। तहसील में आने वाले किसानों के साथ अवैध वसूली की जाती है। उनका कोई भी काम फ्री में नहीं किया जाता। जिसके कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है और सरकार का नाम भी खराब हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में करीब चार दिन पूर्व सदर विधायक सूचि मौसम चौधरी अपने पति ऐश्वर्या मौसम चौधरी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली थी और उन्हें एसडीएम की सच्चाई बताते हुए उनके स्थानांतरण की मांग की थी। इसके बाद एसडीएम पर कार्रवाई का चाबुक चला। 31 अगस्त को शासन ने एसडीएम सदर मनोज कुमार का स्थानांतरण जालौन के लिए किया। इतना ही नहीं स्थानांतरण के आदेश में साफ लिखा गया था कि तत्काल प्रभाव से नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे अनुशासनहीनता मानी जाएगी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम का ट्रांसफर होने से सदर विधायक के समर्थकों में खुशी का माहौल है।