मेरठ। संस्कृत विभाग, चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ एवं संस्कृत भारती, मेरठ प्रान्त के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। लघु नाटक प्रतियोगिता, समूहगीत प्रतियोगिता, चित्र निर्माण प्रतियोगिता तथा शुद्धोच्चारण प्रतियोगिता आदि में विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संस्कृत भारती के अध्यक्ष प्रो.पवन कुमार शर्मा ने कहा कि आज वर्तमान में मनुष्य जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद की छोटी मानसिकता के प्रभाव से प्रभावित हो रहे हैं ऐसे में सभी को एक सूत्र में बाँधने की शिक्षा संस्कृत भाषा से प्राप्त होती है जिसमें समान शिक्षा ज्ञान, विज्ञान, उदारता के ज्ञान का भण्डार है । मुख्य अतिथि डा.राहुल बंसल ने छात्रों को प्राचीन चिकित्सा पद्धति के बारे में कहा की आयुर्वेद चिकित्सा को आज दुनिया भर के लोग मान रहे हैं ।
श्री देवेन्द्र पंड्या ने संस्कृत को प्राचीन ज्ञान का सार बताया एवं सबको संस्कृत सीखने की प्रेरणा दी । लघु नाटक प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.एल.इंटरनेशनल स्कूल मेरठ, दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार मेरठ द्वितीय पुरस्कार- सत्यकाम इंटर नेशनल स्कूल, नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज चितवाना शेरपुर तृतीय पुरस्कार मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज को मिला । समूह गीत प्रतियोगिता (कनिष्ठ वर्ग)में प्रथम पुरस्कार के.एल.इंटरनेशनल स्कूल मेरठ द्वितीय पुरस्कार- सत्यकाम इन्टरनेशनल स्कूल मेरठ तृतीय पुरस्कार- दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार मेरठ को मिला । समूह गीत प्रतियोगिता (रिष्ठ वर्ग) में प्रथम पुरस्कार- सत्यकाम इन्टरनेशनल स्कूल द्वितीय पुरस्कार के.एल.इंटरनेशनल स्कूल तृतीय पुरस्कार आईआईएमटी को मिला । चित्र निर्माण प्रतियोगिता (महाविद्यालय स्तर) में प्रथम पुरस्कार ट्विंकल त्यागी, आईआईएमटी द्वितीय पुरस्कार मीनाक्षी, एनएएस कॉलेज तृतीय पुरस्कार रीना माथुर, राजकीय पीजी कॉलेज, नोएडा को मिला । चित्र निर्माण प्रतियोगिता (विद्यालय स्तर) में प्रथम पुरस्कार- अपूर्व, के.एल.इंटरनेशनल स्कूल द्वितीय पुरस्कार सौम्या, मल्हू सिंह इंटर कॉलेज तृतीय पुरस्कार- तनीषा जैन, ब्रेंज एडयू वर्ल्ड को मिला। शुद्धोच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार शिवानी, मेरठ कॉलेज मेरठ द्वितीय पुरस्कार- श्रेया सिंह, आई.आई.एम.टी. तृतीय पुरस्कार निधि पाल, आईआईएमटी को मिला । संस्कृत विभाग के समन्वयक प्रो.वाचस्पति मिश्र ने संस्कृत की महत्ता बताते हुए सबको संस्कृत में अनुसंधान करने की प्रेरणा देते हुए सबका आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डा.संदीप कुमार तथा नीलकमल ने सभी छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए संस्कृत भाषा को व्यावहारिक रूप से स्वीकारते हुए विद्यार्थियों को संस्कारित होने और अपनी संस्कृति की रक्षा एवं सम्मान करने के लिए प्रेरित किया ।
इस समारोह में प्रो.उमा शर्मा, डॉ.नरेन्द्र कुमार, डॉ.संतोष कुमारी, डॉ.ओमपाल सिंह, डॉ.विजय बहादुर, डॉ.राजबीर, तुषार गोयल, साहिल तरीका, अजय, रुपेश, इशेन्द्र, राजमणि एवं बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।