वर्ल्ड डेस्क। ब्रिटेन में 4 जुलाई को वोटिंग होगी। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर हार का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यूगॉव के सर्वे के मुताबिक सुनक की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को भारतीय वोटरों से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। यहां के 65 प्रतिशत भारतीय वोटर सुनक की पार्टी के खिलाफ हैं। ब्रिटेन में लगभग 25 लाख भारतीय वोट देंगे।
सर्वे में शामिल भारतीय वोटरों का कहना है कि प्रधानमंत्री सुनक के लगभग डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान भारतीयों के पक्ष में कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया गया है। वीजा के नियमों में पहले से ज्यादा कड़ाई कर दी गई है। साथ ही महंगाई और रोजगार के मुद्दों पर भी सुनक ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना था कि सुनक के भारतवंशी होने के कारण यहां रहने वाले भारतीयों का झुकाव कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ होगा। सुनक ने भी आउटरीच के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो पाए हैं।
50 सीटों पर भारतीय वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं: ब्रिटेन की 650 में से लगभग 50 सीटों पर भारतीय वोटर हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इनमें से 15 सीटें जैसे लेस्टर, बर्मिंघम, कॉन्वेंट्री, साउथ हॉल और हैरॉस में तो भारतीय मूल के उम्मीदवार ही पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज कर रहे हैं। इन सीटों पर इस बार सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के प्रति भारतीय वोटरों में गुस्सा है। इन सीटों पर विपक्षी लेबर पार्टी के उम्मीदवारों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। अभी इन 15 सीटों में से 12 सीटें कंजर्वेटिव के पास हैं।
83 हजार भारतीयों ने ब्रिटेन की नागरिकता ली: पिछले पांच साल में 83 हजार 468 भारतीयों ने भारत की नागरिकता को छोड़कर ब्रिटेन की सिटिजनशिप ली है। यूरोप के किसी भी देश में ये सर्वाधिक है। इससे पहले 2022 तक गोल्डन वीजा स्कीम के तहत 254 भारतीय धनकुबेरों ने ब्रिटेन की नागरिकता ली थी।
सुनक ने समय से पहले की चुनाव की घोषणा: ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। पीएम सुनक ने 22 मई को अपने निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट से इसकी घोषणा की थी। बतौर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक चुनाव में पहली बार वोटर्स के सामने जाएंगे। 2022 में सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी ने चुनाव से पहले पीएम फेस का ऐलान नहीं किया था। 44 साल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने अक्टूबर 2022 में पदभार संभाला था। यहां जनवरी 2025 में आम चुनाव होने की संभावना थी। सुनक के पास चुनाव की घोषणा के लिए दिसंबर तक का वक्त था, लेकिन उन्होंने 7 महीने पहले ही इसका ऐलान कर दिया।
चुनाव में सुनक का मुकाबला लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर से है। स्टार्मर इंग्लैंड में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पूर्व डायरेक्टर और अप्रैल 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं। कई ओपिनियन पोल में लेबर पार्टी सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी से काफी आगे चल रही है।
सर्वे में हारते दिखे ऋषि सुनक हाल ही में हुए द इकोनोमिस्ट के सर्वे में सुनक की पार्टी को 117 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।
वहीं, सावंता-गार्जियन के सर्वे में दावा किया गया था कि कंजरवेटिव पार्टी 53 सीटों पर ही सिमट सकती है, जो 2019 के चुनाव की 365 सीटों की तुलना में बेहद कम है। वहीं, 650 सीटों वाले सदन में कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 516 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। 7 सर्वे के औसत में भी सुनक को 95 और स्टारमर को 453 सीटें मिलती दिख रही हैं।