मेरठ। हापुड रोड लालपुर, मेरठ स्थित नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, मेरठ के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा “हाई रिस्क प्रेगनेन्सी” पर एक दिवसीय सी.एम.ई.चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, एमएलसी, विशिष्ट अतिथि भा.ज.पा. चिकित्सा प्रकोष्ठ पश्चिमी क्षेत्र की संयोजका एवं संस्थान की सीईओ डॉ. हिमानी अग्रवाल, स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रचना चौधरी, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ एवं स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.रूपाली जी.एस. मेडिकल कॉलेज, हापुड़, तथा संस्थान की सहायक प्रबंध निदेशक (ए.एमडी.) डॉ. शिवानी अग्रवाल, संस्थान के महानिदेशक डॉ. अश्वनी शर्मा, चिकित्सा अधिक्षक डॉ. अमिता गर्ग, ओबीजी विभाग की प्रतिष्ठित आचार्या डॉ. आशा मिश्रा एवं विभागध्यक्ष डॉ. स्मिता शर्मा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित करके किया।
इस चिकित्सा प्रशिक्षण (सीएमई) में आस-पास के मेडिकल कॉलेज, एलएलआरएम, सुभारती, रामा, जी.एस., सरस्वती इत्यादि मेडिकल कॉलेजों ने हाइ रिस्क प्रेगनेन्सी के विभिन्न कारणों की विस्तृत चर्चा की गई इतना ही नही डॉ.रचना चौधरी ने बताया कि हमारे देश मे करीब 50 प्रतिशत महिलायें हाई रिस्क प्रेगनेन्सी की शिकार होती हैं। चिकित्सा प्रशिक्षण में डॉ. अरूणा वर्मा, डॉ जे.के. गोयल, डॉ कल्पना वर्मा, डॉ. स्मृति गुप्ता, डॉ पूनम मणि, डॉ सुनीता सिंघल, डॉ सुनिता गुलाटी, डॉ नमीता अग्रवाल, डॉ वैभव तिवारी, डॉ अमिता गर्ग एवं डॉ प्रवीन कुमार ने कार्यक्रम मे अपने-अपने विचारो को साक्षा किया।
सी.एम.ई.समन्वयक डॉ.शिवानी अग्रवाल एवं महानिदेशक डॉ.अश्वनी शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की सी.एम.ई. के आयोजन से संस्था के चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों में नवीन ज्ञान की जागरूकताओं का संचार होता हैं एवं साथ ही बताया कि उ॰प्र॰ मेडिकल काउंसिल लखनऊ द्वारा तीन क्रेडिट आवर्स प्रदान किये गये तथा उन्होने यह भी बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की सी.एम.ई. का आयोजन प्रत्येक माह मे किया जाएगा।
कार्यक्रम का आयोजन इस सी.एम.ई. की आयोजन सचिव डॉ. अनुराधा एवं इस सी.एम.ई के आयोजन अध्यक्ष डॉ. स्मिता शर्मा एवं कार्यक्रम की संयोजक डॉ आशा मिश्रा के नेतृत्व मे हुआ तथा कार्यक्रम को सम्पन्न करने में डॉ. अरूण वशिष्ठ, डॉ शुभा श्रीवास्तव, डॉ. दयाचन्द, डॉ. अनुज शर्मा, डॉ.एस.पी.सिंह, डॉ.एस.पी.सिंह, डॉ.आकाश गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा पाण्डेय ने किया।