
सहारनपुर संवाददाता।
जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि स्थानीय स्वशासन को सशक्त करने के लिए किसी भी प्रकार के फण्ड की कमी नहीं है। ग्राम पंचायतों को इसमें स्वायत्ता प्रदान की गयी है। उन्होंने सभी विभागों को बेहतर कार्य करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों के समग्र विकास में सभी की सहभागिता आवश्यक है। जिलाधिकारी मनीष बंसल आज यहां विकास भवन सभागार में पंचायत विकास सूचकांक पीडीआई और पंचायत विकास योजना पीडीपी वित्तीय वर्ष 2024-25 पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला के अन्तर्गत वीडियो फिल्म सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण (एलएसडीजी) के प्रगति के आंकलन के लिए पीडीआई और संस्थागत तंत्र का उन्मुखीकरण किया गया तथा इसके लाभ रणनीति और परिणाम पर विचार किया गया। अंत में संबंधित विषयों पर शंका समाधान भी किया गया। मनीष बंसल ने 73वें संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय स्वशासन को अधिक स्वायत्त बनाने के .ष्टिगत सशांेधन किया गया। उन्होेने लोक प्रशासन के थ्री एफ सिद्धान्त का भी जिक्र किया। उच्चाधिकारी इस प्रशिक्षण के द्वारा संबंधित अधिकारियों का भी संवेदीकरण करें। उन्होंने जीपीडीपी को बेहतर करने की जिम्मेदारी केवल सचिव और ग्राम प्रधान तक सीमित करने से इंकार किया। जिलाधिकारी ने व्यवहारिक रूप से चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम सभा की बैठकों में आमजनों से भी सुझाव लेकर तथा सभी मन से ग्राम पंचायत को बेहतर करने के लिए अच्छे एवं बुरे .ष्टिकोण से सोचते हुए उत्.ष्ठ बनाने पर कार्य करें। उन्होने ग्रामों में उपलब्ध प्रा.तिक संशाधनों से शहरी आमजनों के लिए पर्यटन विकसित करने तथा ग्राम पंचायत को स्वतः अतिरिक्त आय के संशाधन विकसित करने की बात कही। उन्होने कहा कि भारत को सर्वाेच्चता के शिखर पर पंहुचाने के लिए गांव का विकसित होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होने कहा कि धरातल स्तर पर स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर जब हम योजना का निर्माण करते हैं तो उस योजना से अधिक लाभ मिलने की संभावना रहती है। इसका मूल उद्देश्य वर्ष 2030 तक भारत को अधिक सम्पन्न, अधिक समतावादी और अधिक संरक्षित बनाना है। इसी के .ष्टिगत इस कार्यशाला के माध्यम से समस्त अधिकारियों, ग्राम प्रधानों, सचिवों को जोडते हुए सभी का संवेदीकरण किया गया। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने सतत विकास के माध्यम से वर्तमान पीढी की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ ही भविष्य के लिए भी संरक्षित करने की बात कही। उन्होने कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रा.तिक संसाधनों का संरक्षण हो सकें। भारत ग्राम में बसता है इसलिए ग्राम को सशक्त कर इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सभी के सहयोग की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन, उप निदेशक पंचायत हरिकेश बहादुर, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार शर्मा, राज्य स्तरीय प्रशिक्षक प्रमोद कुमार, जिला स्वच्छता सलाहकार देवभास्कर पाण्डेय सहित जीपीडीपी एवं पीडीआई समिति के सदस्य जिला स्तरीय अधिकारीगण, मॉडल ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव उपस्थित रहे।