
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। शोभित विश्वविद्यालय, मोदीपुरम, मेरठ में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास, नवाचार और बौद्धिक ऊर्जा के साथ संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय तथा मानविकी, भौतिक एवं गणितीय विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम विकसित भारत हेतु विज्ञान एवं नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना रही, जो विश्वविद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने विद्यार्थियों को प्रेरणास्पद पत्र प्रेषित कर उन्हें विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) विनोद कुमार त्यागी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत तकनीकी मॉडलों की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं उन्हें सतत नवाचार हेतु प्रेरित किया। डीन अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) अशोक कुमार गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, भारतीय युवाओं में तकनीकी नवाचार की अद्वितीय क्षमता निहित है। यदि उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं अवसर प्रदान किए जाएँ, तो वे वैश्विक स्तर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत को नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय का दायित्व है कि वह विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक ज्ञान एवं अनुसंधान आधारित शिक्षा प्रदान करे। यह आयोजन युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करते हुए “विकसित भारत” के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध हुआ। कार्यक्रम ने न केवल तकनीकी नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित किया, बल्कि विद्यार्थियों में रचनात्मकता एवं अनुसंधान की भावना को भी जागृत किया। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर (डॉ.) आर. के. जैन ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए इसकी वर्तमान प्रासंगिकता को रेखांकित किया। प्रोफेसर ज्योति शर्मा द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता का संचालन सफलतापूर्वक किया गया तथा डॉ. जयंता महतो द्वारा समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। वाद-विवाद के उपरांत आयोजित मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विज्ञान एवं नवाचार पर आधारित ५२ से अधिक कार्यशील तकनीकी मॉडल प्रस्तुत किए, जिनमें अधिकांश प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित थे। प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉ. निधि त्यागी, डॉ. मनोज कुमार शर्मा, प्रो. प्रमोद गोयल, डॉ. दिव्या प्रकाश, डॉ. शैल ढाका, डॉ. संदीप तेवतिया, डॉ. सोनम आर्य सहित विशेषज्ञों द्वारा निष्पक्षता एवं गुणवत्ता के आधार पर किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. गणेश भारद्वाज, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट निदेशक डॉ. अभिषेक कुमार डबास, डॉ ज्योति शर्मा डॉ. लोमस तोमर, डॉ. अनीकेत कुमार, डॉ. जयंता महतो, डॉ. विपिन कुमार त्यागी, डॉ. शमशाद हुसैन, राजकिशोर, जितेन्द्र जादौन, डॉ. हरिओम शर्मा, डॉ. रिंकी चौधरी एवं आकृति गोस्वामी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।