
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ स्थित मान्यवर कांशीराम शोध पीठ द्वारा भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर “डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जल संसाधन विकास में योगदान” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर स्थित अटल सभागार में किया गया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश शासन के शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा), डिग्री विकास अनुभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री मनु भटनागर, प्रमुख निदेशक, प्राकृतिक विरासत विभाग, ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ष्डॉ. अम्बेडकर केवल सामाजिक न्याय के प्रतीक नहीं थे, बल्कि वे जल संसाधनों के योजनाबद्ध एवं वैज्ञानिक उपयोग के अग्रदूत भी थे। उन्होंने सिंचाई योजनाओं, जल वितरण तंत्र और बांध निर्माण जैसी योजनाओं की नींव रखी, जो आज भी देश की जल नीतियों का आधार हैं। मुख्य वक्ता डॉ. अवधेश प्रताप, जल कानून विशेषज्ञ (ॅंजमत स्ंू म्Ûचमतज), ने डॉ. अम्बेडकर के संवैधानिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “डॉ. अम्बेडकर ने भारत में जल नीति और अंतर्राज्यीय नदी विवादों के समाधान हेतु संविधान में अनुच्छेद 262 जैसे दूरदर्शी प्रावधान किए, जो आज भी प्रशासनिक निर्णयों में मार्गदर्शक सिद्ध हो रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ. राजीव कौशिक, भौतिक विज्ञान विभाग, के.के. जैन पी.जी. कॉलेज, खतौली, एवं इंजीनियर बी.डी. शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. कौशिक ने डॉ. अम्बेडकर की तार्किकता, विज्ञान-निष्ठा और बहुआयामी व्यक्तित्व पर रोशनी डाली। वहीं, इंजीनियर बी.डी. शर्मा ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण हेतु स्थानीय स्तर पर अपनाई जाने वाली तकनीकोंकृजैसे नदियों में बाढ़ जल का मैनेजमेंट, वर्षा जल संरक्षण हेतु पत्थरों का उचित उपयोगकृपर विस्तृत जानकारी दी और विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. एम.के.गुप्ता, प्रति-कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने कहा, ष्डॉ. अम्बेडकर के विचारों को व्यवहार में लाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इस प्रकार की गोष्ठियाँ युवा पीढ़ी को उनके बहुआयामी योगदान से परिचित कराकर उन्हें प्रोत्साहित करती हैं। विचार गोष्ठी का संयोजन प्रो. दिनेश कुमार, निदेशक, मान्यवर कांशीराम शोध पीठ एवं प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि ष्डॉ. अम्बेडकर का दृष्टिकोण हमेशा वैज्ञानिक, तार्किक और समावेशी रहा है। जल संसाधनों के न्यायोचित वितरण और संरक्षण हेतु उनके विचार आज भी जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मार्गदर्शक हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री धीरेंद्र कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे । इस दौरान समाजसेवी प्रभात कुमार राय, आर. के. भटनागर(प्।ै रिटायर्ड, पूर्व कमिश्नर) श्री मलिक आदि प्रमुख रहे। प्रो. शैलेन्द्र सिंह गौरव, प्रो. के. के.शर्मा, डॉ. सीपी सिंह, इंजी विजय कुमार राम, इंजी प्रवीण पवार, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. अजय कुमार, डॉ मनोज जाटव , डॉ अनिल कुमार (राजकीय कॉलेज, अमरोहा),रविंद्र कुमार सहित सैकड़ों छात्रों की सहभागिता भी उल्लेखनीय रही। बी.टेक द्वितीय वर्ष के छात्र रामकुमार यादव और एम.एससी. के छात्र संदीप कुमार ने अपने विचार प्रस्तुत किए और कविताओं के माध्यम से डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं छात्रों की बड़ी संख्या में सहभागिता रही, जिससे यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि प्रेरणादायक भी सिद्ध हुआ।
इससे पूर्व आंबेडकर छात्रावास में भी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। छात्रावास परिसर में 30 से अधिक फलदार एवं छायादार पौधे रोपे गए। इस अवसर पर प्रोफेसर दिनेश कुमार, डॉक्टर यशवेंद्र वर्मा, डॉक्टर अजय कुमार, डॉक्टर धर्मेंद्र प्रताप इंजीनियर प्रवीण पवार, मितेंद्र कुमार गुप्ता तथा छात्रावास के अनेक छात्र मौजूद रहे।