रांची एजेंसी। झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव होंगे। सिक्किम की 2 सीटों पर 30 अक्टूबर को ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के दोनों प्रत्याशियों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया था। वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव राहुल गांधी के इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने की वजह से हो रहा है। उन्होंने रायबरेली और वायनाड दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीते थे। यहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस का राज्य में यूडीएफ गठबंधन है। भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन एलडीएफ से सत्यन मोकेरी चुनावी मैदान में हैं। 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों में से 28 विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने, 2 के निधन और 1 के दलबदल से उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें 4 सीटें एससी और 6 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। 31 में से 18 सीटें विपक्ष ने जीती थीं। इनमें अकेले कांग्रेस के पास 9 सीटें थीं। वहीं, एनडीए ने 11 सीटें जीती थीं। इनमें से 7 विधायक भाजपा के थे। 2 विधायक अन्य दलों के थे। राजस्थान में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के 11 महीने के भीतर ही सात सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें से केवल सलूंबर सीट से अमृतलाल मीणा भाजपा विधायक थे, बाकी 4 पर कांग्रेस, एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी और एक हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के पास थी। उपचुनाव के नतीजे सीधे तौर पर प्रदेश की भजनलाल सरकार की पहली परीक्षा के तौर पर भी देखे जाएंगे।
हालांकि, विधानसभा चुनाव के करीब छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 18 सीटें जीती थीं। लेकिन ये नतीजे संतोषजनक नहीं थे, क्योंकि 2019 में भाजपा ने 24 और 2014 में सभी 25 सीटें जीती थीं।
वहीं, पिछले 5 सालों के उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। करीब 89 प्रतिशत उपचुनावों में कांग्रेस की जीत हुई है। हालांकि, हरियाणा में जीत के बाद भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा है, लेकिन यदि नतीजे भाजपा के खिलाफ आए तो पार्टी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने सियासी संकट खड़े होने तय हैं।