मेरठ संवाद सूत्र। यूपी में एडवोकेट बनने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हो गया है। अब रजिस्ट्रेशन से पहले इंटरव्यू भी किए जाएंगे। इसके साथ ही पुलिस वेरीफेकिशन भी जरूरी कर दिया गया है। अगर किसी पर एफआईआर दर्ज है तो पुलिस वेरीफिकेशन में उसका जिक्र किया जाएगा। अभी तक बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए एलएलबी करने वालों को अपने सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र संबंधित प्रदेश के बार काउंसिल में भेजने होते थे। वहां से कागजातों का वेरीफिकेशन किए जाने के बाद रजिस्ट्रेशन होकर आ जाता था। लेकिन सुप्रीमकोर्ट की गाइड लाइन के बाद इसमें बदलाव किया गया है। अब किसी भी अभ्यर्थी के रजिस्ट्रेशन से पहले उसका पुलिस वेरीफिकेशन होगा। पुलिस वेरीफिकशन में ओके रिपोर्ट लगने के बाद इंटरव्यू की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। लगातार नियमों में की जा रही सख्ती: एडवोकेट बनने के लिए लगातार नियमों में सख्ती की जा रही है ताकि गलत लोग इस पेशे में न आएं। पहले एलएलबी करने के बाद सीधे रजिस्ट्रेशन हो जाता था लेकिन इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया। पिछले कई सालों से बार काउंसिल एआईबी (ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन) परीक्षा करा रहा है। यानी, रजिस्ट्रेशन कराए जाने के बाद अब हर अभ्यर्थी को एआईबी परीक्षा उत्तीर्ण करनी ही होगी। जब तक अभ्यर्थी एआईबी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करता है तब तक कोर्ट में उसका वकालतनामा नहीं लग सकता है। तीन सदस्य विधि प्रवक्ता के साथ लेंगे इंटरव्यू: इस बार होने वाले रजिस्ट्रेशन के लिए यूपी को 8 जोन में बांटा गया है। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की तरफ से हर जोन में 3 सदस्य नामित किए गए हैं। इनके साथ विधि के प्रवक्ता भी इंटरव्यू लेंगे। अगर किसी के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज है तो इंटरव्यू के समय इसका शपथ पत्र भी देना होगा। सभी को ड्रेस कोड में आना होगा। अभी तक यूपी बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 14 हजार रुपये फीस देनी पड़ रही थी। अब इसको बहुत कम कर दिया गया है। अब सिर्फ 750 रुपये फीस लगेगी। इसमें एक ड्राफ्ट 600 रुपये और दूसरा 150 रुपये का लगेगा। इससे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। एडवोकेट सचिन देव त्यागी और एडवोकेट आदित्य कुमार का कहना है कि बार काउंसिल के इस निर्णय का स्वागत है।