मेरठ। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शान्तिकुंज हरिद्वार की मेरठ शाखा गायत्री शक्तिपीठ, कल्याण नगर गढ़ रोड़, मेरठ पर गुरुपूर्णिमा के पॉवन पर्व के अवसर पर 5 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। माँ गायत्री के साधक युग ऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ प. राम शर्मा आचार्य ( संस्थापक शांतिकुंज हरिद्वार) गुरु रूप मानते हुए आहुतियां प्रदान की गई।
गुरुपूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा गया कि गुरु बिना जीवन व्यर्थ है। वेदमूर्ति तपोनिष्ठ गायत्री तीर्थ के शांतिकुंज के संस्थापक पंडित राम शर्मा आचार्य कहा करते थे हमे अपने जीवन मे यज्ञ को उतारना चाहिए। यज्ञ से पर्यवरण की शुद्धि होती है। नित्य जीवन मे यज्ञ को उतारे तथा कम से कम सप्ताह में एक बार अपने निवास या अन्य सर्वजिनिक स्थान पर यज्ञ का क्रम अवश्य बनाये । जहाँ यज्ञ होता है उससे निकलने वाला शुद्ध धुंआ से आस पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है । बताया गया कि हमे अपने बच्चो को गायत्री मंत्र सीखना चाहिए। गायत्री मंत्र बहुत ही सरल है और नित्य सभी घर मे बच्चो व बड़ो को गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। वेदमूर्ति तपोनिष्ठ गायत्री तीर्थ के शांतिकुंज के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी इस युग के माँ गायत्री के सच्चे साधक थे और गायत्री जयंती के दिन ही उनका शरीर पूरा होकर माँ गायत्री में लीन हो गया था। अंत मे पूज्य गुरु देव को नमन करते हुऐ विशेष आहुतियां प्रदान की गई। मुख्य रूप से यज्ञदत्त शर्मा, तरण सिंह चौहान, प्रमोद सक्सेना, विनोद ठाकुर, ए के सक्सेना, दीपा ठाकुर, उषा यादव, कमला विष्ठ, उषा गुप्ता, पवित्रा, पी के सक्सेना, जे.बी.गुप्ता, रामावतार , उषा चौहान, सोनुमान, अशोक कुमार, मनमोहन शर्मा आदि रहे।