मवाना। बहसूमा स्थित डी.पी. एम. इंस्टिट्यूट ऑफ एजूकेशन में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। महाविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कार्यकर्ताओं के द्वारा संयुक्त रूप से स्थापना दिवस समारोह के कार्यक्रम में शिक्षा संस्कृति उत्थान मेरठ प्रान्त के संरक्षक प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह तथा समाजसेवी व शिक्षाविद जगदीश त्यागी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम में न्यास के मेरठ प्रान्त के संरक्षक प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना के मूल में जुड़े कारणों पर चर्चा की। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इन अठारह कार्यों के द्वारा न्यास शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में योगदान देकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है ।
राष्ट्र की उन्नति एवं सम्मान के लिए कार्य करने वाले सभी लोगों को साथ जोड़कर विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है।
समाजसेवी व शिक्षाविद जगदीश त्यागी ने कहा कि विद्यार्थियों एवं सभी नागरिकों को भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप चरित्र निर्माण व राष्ट्रहित की भावना को सभी मे जगाने के लिए कार्य करना चाहिए,।
हमें अपनी मातृभाषा पर सदैव अभिमान होना चाहिए यह हमें आत्मनिर्भर बनाने में विशेष भूमिका निभाती है। इस अवसर पर सुब्रत चटर्जी ने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास शिक्षा संस्थानों के साथ मिलकर आज शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तन लाने का कर रहा है, यदि हम लोग इसी प्रकार एक साथ मिलकर कार्य करते रहे तो हमें विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है। न्यास की महिला कार्य विभाग की प्रान्त सहसंयोजिका डॉ. सोनम नागर ने इस अवसर पर कहा कि अपने बालकों में संस्कार रोपने की जिम्मेदारी महिलाओं की अधिक होती है अतः महिलाओं को बालको के चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
डॉ. कुलदीप कुमार ने कहा कि इस देश में शिक्षा के क्षेत्र में समाज के साथ मिलकर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रयासों से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इस कार्यक्रम में 189 प्रतिभागियों ने भाग लिया व महाविद्यालय के सभी शिक्षकों का योगदान रहा।