मेरठ। धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा 1857 के क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल को नमन करने के लिए कई कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया गया।
धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के सभी सदस्यों अर्थात मैन और युवा सदस्यों ने मेरठ में स्थित धनसिंह कोतवाल की सभी प्रतिमाओं -सदर थाना, शहीद स्मारक, कमिश्नरी चौराहा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में प्रतिमाओं पर माल्यार्पण, वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि शोध संस्थान के चेयरमैन एवं धनसिंह कोतवाल के वंशज तस्वीर सिंह चपराना ने कहा कि धनसिंह कोतवाल की शहादत हमें प्रेरणा देती है कि व्यक्ति के जीवन के उद्देश्य में राष्ट्र सर्वोपरि होता है।
उन्होंने कहा कि 10 मई का दिन हमें 1857 की क्रांति की याद दिलाता है कि किस प्रकार मेरठ में क्रांतिकारियों ने धनसिंह कोतवाल के नेतृत्व में मारो फिरंगियों का नारा देकर अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेडघ्ने का बीडा उठाया था, किस प्रकार भारतीय सैनिकों को बिना अपील, वकील और दलील के अंग्रेजों ने 85 सैनिकों को 10 साल की कडी मशक्कत के साथ जेल की सजा सुनाई थी, जिससे धन सिंह कोतवाल आक्रोशित हो गए थे और पुलिस, सेना और जन सामान्य को साथ लेकर क्रांति की शुरुआत कर दी थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व जीएम बृजपाल सिंह चौहान ने कहा कि धनसिंह कोतवाल तथा अन्य क्रांतिकारी की शहादत हमें क्रांतिकारियों को नमन करने की प्रेरणा देती है,हमें गांव गांव में 1857 तथा अन्य क्रांतिकारियों को नमन करने के लिए इस अवसर पर कार्यक्रम करने चाहिए। कार्यक्रम में शोध संस्थान के चेयरमैन एवं धनसिंह कोतवाल के वंशज तस्वीर सिंह चपराना, पूर्व जीएम बृजपाल सिंह चौहान, पूर्व डीएसपी बले सिंह, अरुण खटाना, रॉबिन गुर्जर , अभिषेक सगी संजीव प्रधान,ओम सिंह राणा, अभिनव खटाना, सुमित,हर्ष अंकुर चपराना, राजा नागर, आर्यन भटनागर, आशु कश्यप, ऋतिक नगर, गुल्लू गुर्जर, अश्वनी पवार, हिमांशु खटाना, प्रशांत हरसाना,कपिल भडाना, गौरव नागर, चौधरी सतपाल सिंह ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन विनीत कुमार लोहिया ने किया।