नई दिल्ली एजेंसी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 मई पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उस याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन
निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा, जिसमें भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में जमानत की मांग की गई है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के
आदेश को चुनौती देने वाली सिसौदिया की याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया, जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। उच्च न्यायालय ने मामले को 8 मई (बुधवार) को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। एक अंतरिम आवेदन में, सिसौदिया ने अदालत से अनुरोध किया कि निचली अदालत के उस आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें अपनी
याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान हिरासत में अपनी बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी गई थी। जैसा कि ईडी के वकील ने कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रखा जाता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है, न्यायमूर्ति शर्मा ने अनुरोध स्वीकार कर लिया।
ट्रायल कोर्ट ने 2021-22 के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में क्रमशः सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और धन-शोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए सिसौदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया। 28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।