मुंबई एजेंसी। ‘महंगाई कितनी बढ़ गई है। सिर्फ लूटमार चल रही है। गैस के रेट बढ़ा दिए, लोगों के पास गेंहू-चावल खरीदने के, खाने के पैसे नहीं है। अच्छे स्कूल नहीं हैं। आप देखिए कि महाराष्ट्र से कितनी कंपनियां गुजरात चली गईं। केंद्र सरकार बहुत खराब काम कर रही है, मैं तो उसे वोट नहीं दूंगी।’
पल्लवी से हमारी मुलाकात हुई, तब वे मुंबई के आइकॉनिक शिवाजी पार्क मैदान में मॉर्निंग वॉक के लिए आई थीं। महाराष्ट्र और मुंबई की राजनीति में शिवाजी पार्क की खास जगह है। शिवसेना-मनसे के बनने से लेकर शिवसेना की दशहरा रैली तक ये मैदान बड़ी राजनीतिक घटनाओं का गवाह है। महाराष्ट्र की 48 सीटों पर 5 फेज में, यानी 19 अप्रैल से 20 मई तक चुनाव होंगे। दैनिक भास्कर की टीम लोगों का मूड और मुद्दे समझने शिवाजी पार्क पहुंची। पल्लवी भले केंद्र सरकार से नाराज हैं, लेकिन पार्क के एक कोने में सब्जी बेचने आए संतोष मोटे कहते हैं, ‘हम तो मोदी को ही वोट देंगे। उन्होंने राम मंदिर बनवा दिया, महिलाओं को सम्मान दिलाया है।’ शिवाजी पार्क में क्रिकेट एकेडमी चलाने वाले कोच दत्ताप्रसाद सारंग कहते हैं, ‘जो पार्टी हिंदुत्व से जुड़ी रहेगी, मैं उसके साथ खड़ा हूं।’
मराठा और धनगर कम्युनिटी की आरक्षण की मांग: महाराष्ट्र में मराठा और धनगर आरक्षण मांग रहे हैं। दोनों कम्युनिटी के वोट करीब 20 सीटों पर असर डालते हैं। इनमें सबसे ज्यादा असर मराठा आरक्षण का है। ये आंदोलन औरंगाबाद डिवीजन के 8 जिलों में चल रहा है। इस डिवीजन में लोकसभा की 8 सीटें हैं।
रामघाट के पास जय पवार वड़ापाव की दुकान चलाते हैं। जय कहते हैं, ‘मोदी के आने के बाद यहां गंगा आरती शुरू हो गई है। इससे हमारे बिजनेस पर बहुत फर्क पड़ा है। इसलिए हम तो मोदी को ही चुनेंगे।’
युवा बोले- नौकरी और पढ़ाई से बड़ा कोई मुद्दा नहीं
रामकुंड पर ही हमें नागपुर से नासिक घूमने आए रजत पटेल मिले। वे पहली बार वोट डालेंगे। रजत कहते हैं, श्मेरे लिए रोजगार और पढ़ाई सबसे बड़ा मुद्दा है। सरकार को इनोवेशन प्रमोट करने की जरूरत है। जितना इनोवेशन प्रमोट होगा, उतना ही युवाओं को मौका मिलेगा। बाहर के देशों में सरकार इनोवेशन हब और फोरम चलाती हैं। हम चाहते हैं कि यहां भी ऐसे ही फोरम चलें।’
किसानों की शिकायत- प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाकर हमें बर्बाद किया
नासिक में एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। पूरे भारत के प्याज का रेट यहीं से तय होता है। मंडी में हमें जलगांव से आए किसान हीरादास पवार मिले। वे केंद्र सरकार से नाराज हैं। कहते हैं, ‘मोदी सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। इससे किसानों का प्याज सड़ रहा है। हम कौड़ियों के भाव में फसल बेच रहे हैं।’