
लखनऊ एजेंसी। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तूफान, बारिश और ओलावृष्टि हुई है। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के मद्देनजर संबंधित जिलों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए, सर्वेक्षण करना चाहिए और राहत प्रयासों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। बिजली, तूफान या वर्षा जनित आपदाओं के कारण मानव या पशु की हानि होने पर प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत राशि वितरित की जानी चाहिए। घायलों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फसलों के नुकसान का सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को भेजें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जलभराव की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। इससे पहले 21 मई को योगी आदित्यनाथ ने नवीनतम जेएन.1 सबवेरिएंट के आसपास उभरती वैश्विक और राष्ट्रीय चिंताओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने जनता को आश्वस्त किया कि राज्य में चिंता का कोई तात्कालिक कारण नहीं हैय तथापि, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य को देखते हुए सतर्कता और सावधानी आवश्यक है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 के संबंध में कोई नई सलाह जारी नहीं की है। फिर भी, थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग में जेएन.1 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, उन्होंने उत्तर प्रदेश में निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने राज्य भर के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों को हाई अलर्ट पर रहने और किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया। महामारी की पिछली लहरों के दौरान विकसित बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिला अस्पतालों में स्थापित 10-बेड वाले आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन प्लांट हमेशा चालू रहने चाहिए। उन्होंने इन महत्वपूर्ण सुविधाओं के नियमित परीक्षण और समय पर रखरखाव के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने महामारी के दौरान उनके सराहनीय योगदान को मान्यता देते हुए स्वास्थ्य कर्मियों के निरंतर प्रशिक्षण और प्रभावी तैनाती का आह्वान किया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने संबंधित विभागों को डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसी मौसमी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को सक्रिय उपाय सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया। समीक्षा का समापन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोहराया कि उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 समेत सभी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सतर्क, सक्षम और सुसज्जित है।