
मेरठ वरिष्ठ संवाददाता। इंचौली थाना क्षेत्र के लावड़ कस्बे में पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति की महिलाओं पर किए गए लाठीचार्ज का मामला लगातार गर्मा रहा है। मंगलवार को इस प्रकरण में सपा के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सपा नेताओं के साथ एसएसपी से मिले। जहां उन्होंने इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की। सपा नेताओं ने भाजपा के राज में दलितों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। बताते चलें कि लावड़ निवासी सुनील और सुशील सगे भाई हैं। कुछ दिनों पहले सुनील और सुशील का आपस में झगड़ा हो गया। इस दौरान मौके पर पहुंचे अंडर ट्रेनी दरोगा अमित कुमार और सुमित गुप्ता दोनों भाइयों को जबरन पकड़कर थाने ले जाने लगे। सुशील की पत्नी कविता और मां जगरोशनी ने पुलिसकर्मियों को रोकने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने जगरोशनी को धक्का दे दिया। जिससे गुस्साए सुशील ने दरोगा अमित के साथ मारपीट कर दी थी। इसके बाद अमित ने थाने से पुलिस बल बुला लिया। पुलिसकर्मियों ने आते ही लाठियों से पूरे परिवार की जमकर पिटाई की। इसके बाद सुशील और उसकी पत्नी सहित मां के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करके उनका चालान कर दिया। महिलाओं की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिस पर सपा विधायक अतुल प्रधान सहित विपक्ष के तमाम नेताओं ने सवाल उठाते हुए कप्तान से मुलाकात की थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए एसएसपी ने एसओ इंचौली नितिन पांडे, चौकी प्रभारी लावड़ इंद्रेश विक्रम सिंह, एसआई सुमित गुप्ता, एसआई पवन सैनी व कांस्टेबल वसीम को लाइन हाजिर कर दिया था। सपा नेता पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्यवाही को नाकाफी बता रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को सपा जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी और पार्टी के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएसपी विपिन ताडा से मिले। सपा नेताओं ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे जाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आरोपी पुलिसकर्मियों के बचाव का प्रयास किया गया तो सपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे। मीडिया के सामने सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों में आज तक दलित उत्पीड़न के इतने मामले नहीं हुए, जितने यूपी में पिछले पांच साल में भाजपा की सरकार बनने के बाद हुए हैं। सपा नेताओं ने सरकार से ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की।