
अमृतसर एजेंसीं पंजाब में अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 6 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। ये सभी लोग अमृतसर के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 4 की हालत इतनी गंभीर है कि वे बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। मृतकों में 3 गांवों भंगाली कलां, मराडी कलां और जयंतीपुर के लोग शामिल हैं। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस ने जहरीली शराब बेचने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है कि जहरीली शराब कहां से और कैसे आई? पंजाब में 3 साल में इस तरह का यह चौथा मामला है। पुलिस ने छापामारी शुरू की: पीड़ित परिवार की एक महिला ने बताया है कि उसका बेटा शराब पीने के बाद उल्टियां करने लगा। फिर अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में लंबे समय से नकली शराब का धंधा चल रहा था, लेकिन प्रशासन ने कभी सख्ती नहीं की। अब लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है और संबंधित ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए हैं। सूचना मिलने के बाद मंगलवार सुबह क्ब् साक्षी साहनी भी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंची और उनका हाल जाना। उन्होंने बताया कि तीनों गांवों में जिनमें हल्के लक्षण भी दिख रहे हैं, उन्हें अस्पताल दाखिल करवाया जा रहा है। नकली शराब के रैकेट का मास्टरमाइंड पकड़ाः अमृतसर में ग्रामीण क्षेत्र के एसएसपी मनिंदर सिंह ने बताया है कि मजीठा में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद कड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने नकली शराब रैकेट के मास्टरमाइंड प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। धारा 105 ठछै और 61। एक्साइज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। मरने वाले और बीमार सभी मजदूर: उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अन्य आरोपियों में प्रभजीत का भाई कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू, साहिब सिंह उर्फ सराय, गुरजंट सिंह और निंदर कौर शामिल हैं। पूरे नेटवर्क की जांच जारी है। मरने वाले और गंभीर रूप से बीमार सभी दिहाड़ीदार मजदूर हैं। सस्ती शराब के चक्कर में वे इसका सेवन करते थे। एसएसपी के अनुसार, 4 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में लाया गया है। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें आईसीयू में एडमिट किया है। सभी बेसुध हैं। 3 साल में जहरीली शराब का यह चौथा बड़ा मामला पंजाब में जहरीली शराब से मौतों का यह 3 साल में यह चौथा बड़ा मामला है। इससे पहले 2020 में अमृतसर, तरनतारन और बटाला में जहरीली शराब से 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जो उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिए बड़ा झटका थी। पिछले साल पठानकोट में नकली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हुई थी।
उसी मामले में नकली शराब बनाने वाली एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा नवांशहर और होशियारपुर में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह मराडी कलां गांव में हड़कंप तब मचा जब पता चला कि करीब 15 लोग बोल भी नहीं पा रहे हैं। वे न कुछ खा-पी रहे थे और हाथ-पैरों की हरकत भी बंद हो गई है। इन सभी ने एक जैसी देसी शराब पी थी। इसके बाद यहां 4 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान मेजर सिंह, सरबजीत सिंह, सिकंदर, पन्ना के रूप में हुई है। जबकि, अन्य व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया।