
मेरठ संवाद सूत्र। श्मशान घाट में 50 से ज्यादा कुत्ते हैं। चार-पांच साल से यही हालात हैं। कुत्ते चिता की अग्नि ठंडी होने पर राख से अस्थियां उठाकर ले जाते हैं, क्या करें। यह कहना है सूरजकुंड श्मशान घाट का संचालन करने वाली श्री गंगा मोटर कमेटी के मंत्री दिनेश चंद जैन का। दरअसल, इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो पर उनका पक्ष जानने पर उन्होंने यह बातें कही। यह प्रतिक्रिया देते समय उन्होंने यह नहीं सोचा कि जिस परिवार के सदस्य की अस्थियां कुत्ता खा रहा है३ अगर उसे इसका पता चले तो उन पर क्या बीतेगी। वीडियो में सूरजकुंड श्मशान में एक कुत्ता ठंडी हो चुकी चिता से अस्थि निकालता है और फिर उसे एक कोने में ले जाकर खाने लगता है। गंगा मोटर कमेटी सूरजकुंड श्मशान की जिम्मेदारी संभालती है । संस्था 110 साल पुरानी है। रात में श्मशान की देखरेख के लिए एक चौकीदार रहता है। दिन में कर्मकांड कराने वाले आठ से दस लोग हैं। क्रियाकर्म की एवज में परिवार से एक राशि ली जाती है। कमेटी यह राशि श्मशान की व्यवस्था बनाने को लेती है। कमेटी के सचिव की माने तो यहां रोज आठ से 10 क्रियाकर्म यहां होते हैं। श्मशान चारों ओर से चारदीवारी से घिरा है। गेट भी है। इसके बावजूद कुत्ते अस्थियों को खा रहे हैं। प्रसारित वीडियो कमेटी की पूरी व्यवस्था व बंदोबस्त पर भी सवाल खड़े कर रहा है । लोग वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि चार साल पहले भी इसी तरह श्मशान में कुत्ते चिता से अस्थियां निकाल कर ले जाते दिखाई दिए थे।उस समय भी कमेटी से व्यवस्थाऐं सही करने को कहा गया था। गंगा मोटर कमेटी ने व्यवस्था बनाने व ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की बात कही थी। खुद कमेटी के सचिव दिनेश जैन ने इस घटना को स्वीकार किया था । इसके बावजूद श्मशान से कुत्ते हटाने के प्रयास नहीं हुए। परिणाम सामने है, फिर से कुत्ते चिता से मानव अस्थि निकालकर खा रहे हैं। लोगों का यह भी कहना है कि यह घटना तो वीडियो में कैद हो गई। न जाने श्मशान में कितने मृत लोगों की अस्थियों के साथ ऐसा हुआ होगा ।