
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो।शोभित विश्वविद्यालय में आयोजित पाँच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला बायोटेक्नोलॉजी का भविष्य सतत विश्व के लिए नवाचार के दूसरे दिन का आयोजन प्लांट टिशू कल्चर पर गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र के साथ किया गया। कार्यशाला में भाग ले रहे प्रतिभागियों को प्लांट टिशू कल्चर की जटिल प्रक्रियाओं को समझने और उन्हें प्रयोगशाला में लागू करने का अवसर मिला। प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों को प्लांट टिशू कल्चर के प्रायोगिक पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र में प्रमुख रूप से स्टेरलाइजेशन प्रक्रिया, एक्सप्लांट चयन, कल्चर मीडिया की तैयारी और पौधों की इन-विट्रो वृद्धि से जुड़ी तकनीकों को विस्तार से समझाया गया। डॉ. कुमार ने इस प्रशिक्षण के दौरान बताया कि प्लांट टिशू कल्चर न केवल जैव विविधता के संरक्षण में सहायक है, बल्कि यह कृषि और औषधीय पौधों के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया कि वे इस तकनीक को अपने अनुसंधान कार्यों में शामिल करें और सतत विकास के लिए इसका उपयोग करें। कार्यशाला में डायरेक्टर डॉ. दिव्या प्रकाश, डॉ. संजुक्ता, डॉ. गरिमा वर्मा सहित कई शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने इस व्यावहारिक सत्र में विशेष रुचि दिखाई और प्लांट टिशू कल्चर के नवाचार और भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।