
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के अटल सभागार में आज एफआरएमएसटी 2025 (थ्त्डैज् 2025) का भव्य उद्घाटन हुआ। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसे मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक कुमार नागावत, माननीय कुलपति, दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप विश्वविद्यालय, दिल्ली (भारत) द्वारा संपन्न किया गया।
इस अवसर पर प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता (प्रो-वाइस चांसलर), प्रोफेसर बीरपाल सिंह, प्रोफेसर अनिल के. मलिक (संयोजक, एफआरएमएसटी 2025) और डॉ. नीरज पंवार उपस्थित रहे। इस अवसर पर सम्मेलन की एब्सट्रैक्ट बुक का औपचारिक विमोचन किया गया, जिसमें विभिन्न शोध पत्रों के सारांश प्रकाशित किए गए हैं। संयोजक प्रोफेसर अनिल के. मलिक ने स्वागत उद्बोधन में सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाश डाला। एफआरएमएसटी 2025 में कुल 10 तकनीकी सत्र एवं 2 पैनल चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें ऊर्जा संचयन एवं भंडारण, स्मार्ट मटेरियल्स, मेटामटेरियल्स, फोटोनिक्स और पर्यावरणीय सेंसर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। सम्मेलन में भारत और विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों, जैसे यूएसए, यूरोप, बीएआरसी, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की, सीएसआईआर-लैब, एसएसपीएल, डीआरडीओ, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुल 41 कीनोट स्पीकर्स आमंत्रित किए गए हैं। मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक कुमार नागावत ने अपने संबोधन में मटेरियल साइंस के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे विज्ञान का आधार बताया। उन्होंने नोबेल विजेता रिचर्ड फाइनमैन के उद्धरण ष्ज्ीमतम पे चसमदजल व ितववउ ंज जीम इवजजवउष् का उल्लेख करते हुए मटेरियल साइंस में असीम संभावनाओं की ओर संकेत किया। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर 12 अरब से अधिक मटेरियल उपलब्ध हैं, लेकिन अभी तक हम बहुत ही सीमित संख्या में उनका अध्ययन कर पाए हैं। उन्होंने मानव विकास यात्रा को भ्वउव ेंचपमदे से भ्वउव मअवसनजपे तक बताते हुए, नई वैज्ञानिक खोजों के प्रति जिज्ञासा बनाए रखने का संदेश दिया। इसके बाद, माननीय कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने सम्मेलन के सफल आयोजन पर आयोजकों और भौतिकी विभाग को बधाई दी। उन्होंने कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स में कंक्रीट उत्पादन को एक नई चुनौती बताते हुए बांस से बने वस्त्र, क्रिकेट बैट एवं आर्किटेक्चरल मटेरियल्स के नवाचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्बन-आधारित नैनोमटेरियल्स जैसे कार्बन नैनोट्यूब्स (ब्छज्े), ग्राफीन, क्वांटम डॉट्स और क्वांटम कंप्यूटिंग की अपार संभावनाओं पर चर्चा की तथा सतत विकास के लिए ग्रीन मटेरियल्स को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शोध उत्कृष्टता को रेखांकित करते हुए सीसीएसयू के ी-पदकमÛ 43 का उल्लेख किया और भौतिकी विभाग एवं सभी अतिथियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, प्रोफेसर अनुज कुमार, डॉ. अनिल यादव, डॉ. कविता, डॉ. विवेक नौटियाल, डॉ. योगेंद्र गौतम, शोधार्थी मनेंद्र सहित अनेक शोधार्थी एवं विद्वान उपस्थित रहे। अंत में, ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. नीरज पंवार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सम्मेलन को सहयोग देने वाले सीएसआईआर, नई दिल्ली, पीएम-उषा और आईआर-टेक जैसी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। एफआरएमएसटी 2025 का उद्घाटन सत्र बेहद प्रभावी रहा और आगामी तकनीकी सत्रों के लिए एक सशक्त आधार तैयार किया। इस सम्मेलन में 180 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें आमंत्रित वक्ता, कीनोट स्पीकर्स और शोध प्रस्तुतकर्ता (मौखिकध्पोस्टर) शामिल हैं। यह सम्मेलन 4-5 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें ऊर्जा संचयन एवं भंडारण, ब्व्2 न्यूनीकरण और हाइड्रोजन उत्पादन, मल्टी-फेरिक एवं मैग्नेटिक मटेरियल्स, फोटोनिक्स एवं मेटामटेरियल्स, सेंसर एवं डिटेक्टर, डिवाइसेस और यूवी डिटेक्शन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त, संध्या के समय एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। यह सम्मेलन नई वैज्ञानिक साझेदारियों को प्रोत्साहित करेगा और मटेरियल साइंस व टेक्नोलॉजी के भविष्य को आकार देने में सहायक सिद्ध होगा।