
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। रघुनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज, मेरठ की प्राचार्या प्रोफेसर निवेदिता मलिक के निर्देशन में प्लांट कंजर्वेशन सोसाइटी, टीचर्स री-स्किलिंग सेल तथा इनोवेशन कॉउन्सिल के संयुक्त तत्वाधान में पाँच दिवसीय कार्यशाला एवं फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर निवेदिता मलिक तथा आगंतुक अतिथियों ने सरस्वती माता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला की संयोजिका एवं टीचर्स री-स्किलिंग सेल तथा प्लांट कंजर्वेशन सोसाइटी की इंचार्ज डॉक्टर गरिमा मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला । कार्यशाला के दूसरे दिन प्रथम सत्र में डॉक्टर शांति स्वरूप मुख्य वक्ता रहे । डॉक्टर स्वरूप ने बोनसाई क्या है, किन पौधों से सफलतापूर्वक बोनसाई पौधा तैयार किया जा सकता है, इसे घर पर एक सामान्य पौधे से कैसे बनाए की जानकारी दी । उन्होंने बोनसाई बनाने की तकनीक तथा शैली जैसे राफ्ट स्टाइल, फारेस्ट स्टाइल, मल्टी ट्रंक स्टाइल के बारे में विस्तार में बताया। इस दौरान प्रतिभागियों को बोनसाई को आकार देना, कटिंग करना और वायरिंग करना भी बताया गया । डॉक्टर स्वरूप ने बताया कि पौधों में प्रकृति अनुसार समय पर फल, फूल आते रहे, पौधा समय चक्र के अनुसार विकसित हो तभी वह सही बोनसाई बन सकता है । इसके साथ ही उन्होंने बोनसाई की भ्रांतियों और गलत धारणाओं को दूर किया। दूसरे सत्र के वक्ता मिस्टर कनिष्क अत्रे ने घर के अंदर व बाहर लगाए जाने वाले पौधों को आकर्षक तरीके से सजाने और लगाने के बारे में बताया। साथ ही कम जगह में लैंडस्केप गार्डन कैसे बनाए जाते है इस बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होंने लैंडस्केप गार्डन बनाने के लिए “थ्रिलर, फिलर और स्पीलर” कॉन्सेप्ट के बारे में भी बताया । प्राचार्य प्रोफेसर निवेदिता मलिक ने कहा कि घर के अंदर लगे बोनसाई के पेड़ घर में बेमिसाल खूबसूरती का एहसास कराते है । छत या बगीचे में बोनसाई के पौधे हरियाली बढ़ाने और बगीचे में विविधता लाने का एक शानदार तरीका है । कई लाभ के साथ, बोनसाई उन घरों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं जो अपनी सजावट को और बेहतर बनाना चाहते हैं ।प्राचार्य निवेदिता मलिक ने प्रतिभागियों को अपने घरों में बोनसाई गार्डन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया । कार्यक्रम की आयोजिका डॉक्टर अनुपमा सिंह तथा सह-आयोजिका संयोगिता कुमारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग रही। इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों से 60 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की । कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियो ने कार्यशाला पर फीडबैक दिया । कार्यक्रम को सफल बनाने में प्लांट कांजेर्वेशन सोसाइटी तथा टिचर्स री-स्किलिंग सेल के सभी सदस्यों सहयोग रहा ।