
मुजफ्फरनगर में पुलिस ने 25 हजार के इनामी डकैत अजय वीर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। पुलिस को देखते ही डकैत ने अपनी पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली बुढाना थाना प्रभारी आनंद देव मिश्रा की बुलेटफ्रूफ जैकेट में लगी। वे बाल-बाल बचे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अजय को मार गिराया। मंगलवार शाम करीब 4 बजे यह मुठभेड़ जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर बुढाना थाना क्षेत्र में मेरठ-करनाल हाईवे के पास जोला के जंगलों में हुई। मारा गया डकैत अजय विनोद गडरिया गैंग का मेंबर था। अजय वीर अजय और बादल के नाम से भी कुख्यात था। वह जानसठ थाना क्षेत्र के बसायच गांव का रहने वाला था। उस पर 20 मुकदमे दर्ज थे। अजय के पास से विदेशी पिस्टल, कारतूस और नकदी बरामद हुई है।
अजय वीर कई महीनों से पुलिस की रडार पर था। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि अजय वीर अपने साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए इलाके में सक्रिय है। उसकी सटीक लोकेशन ट्रेस की गई। मेरठ-करनाल हाइवे पर पुलिस ने घेराबंदी की। शाम करीब 4 बजे अजय वीर बाइक से आता दिखा। जैसे ही पुलिस ने उसे रोका, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें अजय गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। अजय जिले में कई बड़ी डकैती की वारदातों में शामिल रहा। पुलिस उसके खिलाफ कई आपराधिक मामलों में कार्रवाई कर रही थी। पहली बार 2009 में गया था जेल मुजफ्फरनगर के थाना जानसठ में लूट के मामले में 2009 में बदमाश अजय वीर पहली बार जेल गया था। इसके बाद 2013 में डकैती और हत्या के मामले में जेल गया था। उसके खिलाफ कोतवाली नई मंडी में केस दर्ज हुआ था। वह 4 डकैती के मामलों में फरार था। पुलिस ने उसके पास से 8 लाख कीमत की मेड इन जर्मन पिस्टल लुकर बरामद की है। उसके बैग में 30 हजार रुपए कैश, सोने-चांदी के आभूषण मिले हैं।