
कानपुर एजेंसी। प्रदेश की रोडवेज बसों का मेंटनेंस अब प्राइवेट कंपनियों संभालेंगी। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश के 19 जिलों में रोडवेज वर्कशॉप पीपीपी मॉडल के तहत रोडवेज बसों का मेंटेनेंस कार्य संभालेंगी। कंपनियां करीब 6 हजार बसों का मेंटेनेंस कार्य संभालेंगी। मैनपावर विभाग को नहीं देनी होगी: कानपुर स्थित विकास नगर डिपो एआरएम रामवलट ने बताया कि विकास नगर सहित सूबे के 19 वर्कशाप को कांट्रैक्ट पर दिया गया है। बसों का मेंटीनेंस अब कंपनियां करेंगी। मुख्यालय का फैसला है तो विभाग और जनहित में होगा। इस व्यवस्था से बसों का मेंटीनेंस समय पर और कम खर्च से होगा। विभाग पर मैनपावर का खर्च भी नहीं आएगा। जनवरी से कंपनियां शुरू करेंगी कार्य: इससे विभाग को आर्थिक बचत भी होगी।
विकासनगर में 64 संविदा नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रबंधन का दावा है कि नए साल यानी कि जनवरी से ठेकेदार बसों की सर्विसिंग करना शुरू कर देगा। कानपुर स्थित विकास नगर डिपो बसों का मेंटेनेंस अब प्राइवेट कंपनियां करेंगी। इसकी वजह यह है कि विकासनगर वर्कशाप सहित पूरे प्रदेश भर की वर्कशाप का ठेका आवंटित किया जा चुका है। कांट्रेक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि जनवरी-2025 से बसों की सर्विसिंग कराना शुरू कर दें। तय समय पर हो सकेगी सर्विसिंग: रोडवेज अफसरों का दावा है कि ठेके पर बसों की सर्विसिंग और मेंटेनेंस होने से रास्ते में बसें न के बराबर खराब होंगी। विकासनगर वर्कशाप में हर महीने 150 से 200 बसें मेंटेनेंस को जाती थी। रूट से आने के बाद बसों की फौरी तौर पर चेकिंग और तय किमी. चलने के बाद उनकी सर्विसिंग होती थी। एसी हो या फिर साधारण बस।
विकास नगर डिपो की हर बस यहां फिट होती थी।
इन जिलों के वर्कशॉप
पीपीपी मॉडल पर सौंपे गए: ताज डिपो, आगरा क्षेत्र, साहिबाबाद डिपो, गाजियाबाद क्षेत्र, सोहराब गेट, मेरठ क्षेत्र, छुटमलपुर डिपो, सहारनपुर, एटा डिपो, अलीगढ़, नजीमाबाद डिपो, मुरादाबाद, बदायूं डिपो, बरेली, हरदोई डिपो, हरदोई, इटावा डिपो, इटावा, विकासनगर डिपो, कानपुर। इसके अलावा झांसी डिपो, झांसी, अवध डिपो लखनऊ, सुल्तानपुर डिपो, अयोध्या, जीरो रोड, प्रयागराज, बलिया डिपो, आजमगढ़, देवरिया डिपो, गोरखपुर, कैंट डिपो, वाराणसी, बांदा डिपो, चित्रकूट और बलरामपुर डिपो, देवीपाटन क्षेत्र के हैं।