मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। मेरठ कॉलेज मेरठ के भूगोल विभाग में आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस संगोष्ठी का विषय जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं तत्परता, अल्पीकरण और प्रबंधन रणनीतियां” था। संगोष्ठी के दूसरे दिन को मिलाकर कुल चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर हारून सज्जाद (भूगोल विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली), प्रोफेसर परमजीत सिंह (भूगोल विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ), और डॉ. प्रवीण कुमार (सहायक प्रोफेसर, एस.डी. कॉलेज, मुजफ्फरनगर) ने की। इस सत्र में विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं में वृद्धि और उनके प्रबंधन में तकनीकी नवाचारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर हारून सज्जाद ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन न केवल पर्यावरण बल्कि समाज के विभिन्न आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं को भी प्रभावित कर रहा है चौथे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार ( भूगोल विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ), प्रोफेसर (मेरठ कॉलेज, मेरठ), और डॉ. विजय राठी रहे। इस सत्र में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में किए गए अनुसंधानों और उनकी व्यावहारिक उपयोगिता पर चर्चा की गई। प्रोफेसर राजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि, आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी और नवीन रणनीतियों का समावेश आवश्यक है। ऑनलाइन सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर राजीव कुमार (भूगोल विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ) ने की। इस सत्र में शोधार्थियों और विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव दिए। समापन सत्र के मुख्य अतिथि भोपाल सिंह (अध्यक्ष, उपभोक्ता फोरम, मेरठ) और प्रोफेसर अरुण कुमार (ए.एस.पी.जी. कॉलेज, मवाना) रहे। भोपाल सिंह ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के संदर्भ में समाज की भूमिका पर बल दिया और कहा कि, सभी नागरिकों को अपने पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए। प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि शिक्षा और जागरूकता ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान है। विभाग अध्यक्षा प्रोफेसर अनीता मलिक ने अपने धन्यवाद भाषण मे सभी के सहयोग को सराहा। प्राचार्य महोदय ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सभी को धन्यवाद दिया। संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर नीरज तोमर ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों, शोधार्थियों, और आयोजकों का धन्यवाद दिया। भूगोल विभाग की पूरी टीम ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया। यह संगोष्ठी जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर संवाद स्थापित करने और प्रभावी समाधान खोजने में अत्यंत सफल रही।