लखनऊ एजेसंी। एंटीबायोटिक का बेजा इस्तेमाल और इसके रेजिस्टेंस को नहीं रोका गया तो आने वाले कुछ सालों के भीतर हर साल निमोनिया से एक करोड़ मौतें होंगी। आज भी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का कारण निमोनिया है।
40 प्रतिशत तक बच्चे इसके चलते ही जान गंवा रहे हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में बुजुर्ग भी इसके चलते दम तोड़ देते हैं। इससे बचने के लिए नवजात सहित सभी बच्चों का इम्यूनाईजेशन (वैक्सीनेशन) ठीक से कराया जाना चाहिए। साथ ही 65 साल से ज्यादा की उम्र के बुजुर्गों को इन्फ्लूएंजा और न्यूमोकोकल वैक्सीन हर साल लगवाना चाहिए। ये कहना है केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ.वेद प्रकाश का। वो वर्ल्ड निमोनिया डे यानी 12 नवंबर को लेकर लोगों को अवेयर कर रहे हैं। कैंपस लखनऊ सीरीज के 41वें ऐपिसोड में के पल्मोनरी मेडिसिन और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ.वेद प्रकाश से खास बातचीत में डॉ. वेद प्रकाश कहते हैं कि ये दौर बेहद अहम है। हमें वो सभी बेस्ट प्रैक्टिस लागू करनी होगी, जिससे निमोनिया के खिलाफ लड़ाई में मजबूती से उतरा जा सके। 6 महीने तक के बच्चे को हर हाल में श्एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट फीडिंगश् करानी चाहिए। एयर पॉल्युशन को कम करना होगा। हैंड हाइजीन और रेस्पिरेटरी हाइजीन को लेकर सजग रहना होगा। सरकार से मेरी अपील है कि पॉल्यूशन नियंत्रण से जुड़ी सभी संस्थानों को हर हाल में प्रदूषण कम करने के निर्देश दें।