नई दिल्ली एजेंसी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। जयशंकर ने पाकिस्तान-चीन का नाम लिए बिना कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की सीमाओं का सम्मान करने की जरूरत है। जयशंकर ने कहा कि यदि एससीओ के मेंबर देशों के बीच दोस्ती में कमी आई है और पड़ोसी संबंध बिगड़े हैं तो इस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारे बीच भरोसे में कमी आई है तो हमें अपने अंदर झांकने और इसकी वजह समझने की जरूरत है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ बैठक की शुरुआत करते हुए कहा था कि पाकिस्तान शांति, सुरक्षा और आर्थिक तरक्की चाहता है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर में एससीओ बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ैब्व् का मकसद पूरा करने के लिए आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ना जरूरी है। इसके लिए एक-दूसरे पर भरोसा और ईमानदारी की जरूरत है। जयशंकर ने कोरोना महामारी के साथ-साथ इजराइल-हमास-हिजबुल्लाह और रूस-यूक्रेन संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि ये बैठक बहुत मुश्किल समय में हो रही है। क्लाइमेट चेंज से लेकर सप्लाई चेन तक कई तरह की कठिनाईयां हैं। इससे विकास प्रभावित हो रहा है। शहबाज शरीफ ने एससीओ बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि पाकिस्तान शांति, सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक तरक्की चाहता है। अफगानिस्तान हमारे साथ जमीनी सीमा साझा करता है इसलिए वहां शांति हमारे लिए जरूरी है। अफगानी जमीन का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए। शरीफ ने कहा कि एक मजबूत एससीओ के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है। चीन और पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर का विस्तार होना चाहिए। इस इलाके में कई लोग गरीबी में जी रहे हैं। इससे उनका विकास होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट को नैरो माइंड सोच के साथ नहीं देखना चाहिए।