नई दिल्ली एजेंसी। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग को लेकर हिंदू संगठन देवभूमि ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शिमला के संजौली स्थित इस मस्जिद का रास्ता ढली टनल से होकर गुजरता है।
प्रदर्शनकारियों ने यहां सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ा और जय श्रीराम के नारे लगाए। उन्होंने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। पुलिस ने 2 बार लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन चलाई गई। पत्थरबाजी और झड़प में एक प्रदर्शनकारी और सिपाही घायल हुआ है।
संजौली मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। 2010 में इसकी पक्की इमारत बननी शुरू हुई तो नगर निगम में शिकायत की गई थी। अब मस्जिद 5 मंजिला है। नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश दे चुका है।
ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। पुलिस ने मस्जिद से 250 मीटर पहले बैरिकेडिंग की थी, प्रदर्शनकारी इसे फांदकर आगे बढ़ गए।
पुलिस ने मस्जिद से 250 मीटर पहले बैरिकेडिंग की थी, प्रदर्शनकारी इसे फांदकर आगे बढ़ गए। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को हटाकर फेंका, इसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाना शुरू कीं। पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया, लेकिन वह शुरुआत में चल नहीं सकी।
संजौली में पुलिस ने हिंदू जागरण मंच के नेता कमल गौतम को हिरासत में ले लिया है। हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि उनके एक दर्जन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। ड्रोन से इलाके में निगरानी रखी जा रही है। ढली टनल के पास आवाजाही बंद कर दी गई है।
शिमला में ढली टनल को पुलिस ने बंद कर दिया है। इसी रास्ते से प्रदर्शनकारियों को संजौली की तरफ आना था।
शिमला में धारा 163, पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला
क्ब् अनुपम कश्यप ने संजौली में धारा 163 लागू की है। इसके तहत सुबह 7 बजे से रात 11रू59 बजे तक 5 या इससे ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने या हथियार लेकर चलने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस ने मंगलवार रात को संजौली में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च भी निकाला था। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, स्कूल, बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। किसी भी व्यक्ति को धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।