मेरठ। रुद्रा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स, मेरठ के प्रधान कार्यालय पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रुद्रा ग्रुप ने अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए 8 मेधावियों ने स्वर्ण पदक हासिल कर जनपद सहित अपने माता-पिता एवं गुरूजनों का नाम रोशन किया। साथ ही रूद्रा ग्रुप के अन्य 27 छात्र-छात्राओं ने भी द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। पत्रकार बंधुओ को विस्तृत जानकारी देते हुए रुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, मवाना की प्राचार्या डा. उर्मिला मोरल एवं विनायक विद्यापीठ के निदेशक विकास कुमार ने बताया कि रुद्रा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्य, मेरठ के विभिन्न संस्थानों के मेधावियों द्वारा 2015 से लगातार विश्वविद्यालय स्तर पर स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा बनाते आ रहे है। विगत 3 सितम्बर को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 36 वें दीक्षांत समारोह के दौरान भी 8 मेधावियों जिसमें एमएससी (एमबी) से नगमा परवीन, एमएससी, गृह विज्ञान (एचडी) से वर्षा, एमएससी गृह विज्ञान (सीटी) से वर्षा सैनी, एम लिस से अमरपाल सिंह, बी०लिस० से हर्षिता मवि, एमएससी (फिजिक्स) से अभिनव सिंह, एमएससी (एग्रोनॉमी) से कल्पना रावत, एमए (सोसोलॉजी) से अंजलि ने स्वर्ण पदक हासिल किया। साथ ही ग्रुप के 27 मेंधावियों ने द्वितीय एवं तृतीय रैंक प्राप्त कर अपने माता पिता, जनपद एवं महाविद्यालय का नाम रोशन किया। रुद्रा ग्रुप की शाखा शान्ति निकेतन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की प्राचार्या डॉ रीना बंसल ने बताया कि रूद्रा डिफेन्स एकेडमी की शुरूआत रूद्रा गु्रप के द्वारा आज के युवा के फोर्स (एयर फोर्स,नेवी,अग्निवीर) के प्रति बढ़ते रूझान को ध्यान में रखकर ही की है। अब एक ही छत के नीचे छात्र-छात्राओं को लिखित एवं फीजिकल के साथ ही पैनल इंटरव्यू ही तैयारी कराई जा रही है। रूद्रा इंस्टीट्यूट, नानपुर की प्राचार्या डा. पूनम नागर ने बताया कि हमारे विभिन्न संस्थाओं में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवं एम.एस.एम.ई. के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कौशल विकास पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। युवाओं को शिक्षण कार्य के साथ साथ कौशल विकास जिसमें मुख्य रूप से ग्राफिक्स डिजाईन, योग शिक्षा कार्यक्रम, कंप्यूटर शिक्षा, सिलाई. केंद्र इत्यादि पर विशेष ध्यान देने अनिवार्य है। निदेशक डा. मनोज शर्मा ने बताया कि रूद्रा गु्रप प्रतिवर्ष महेन्द्र सिंह रूलर फेलोशिप जैसी स्कालरशिप जैसी योजनाओं के अन्तर्गत करीब 10 करोड़ के स्कॉलर शिप छात्र व छात्राओं को दी जाती है व परीश्रम के नाम से भी स्कालर शिप का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें काफी छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जाता है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली कल्पना रावत ने कहा कि यह उपलब्धि मेरी मेहनत के साथ साथ माता-पिता एवं गुरूजनों के आर्शीवाद से ही सम्भव हो पाई है। राज्यपाल से गोल्ड मेडल पाकर बेहद खुश हूं। साथ ही आज माता पिता एवं गुरूजनों के सपनों को साकार करने पर गर्व महसूस कर रही हूं। उन्होनें कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नही होता है। स्वर्ण पदक विजेता अभिनव सिंह ने कहा कि मैं शिक्षण में कैरियर बनाना चाहता हूं। अपनी इस उपलब्धि को अपने गुरूजनों और हमेशा साथ देने वाले माता-पिता को समर्पित करना चाहता हूं। स्वर्ण पदक विजेता वर्षा ने कहा कि यह उपलब्धि मैने अपने कडे परिश्रम के बल-बूते पर हासिल की है। मेरा सपना प्रोफेसर बनने का है। पत्रकार वार्ता में डॉ उर्मिला मोरल, डॉ रीना बंसल, डॉ पूनम नागर, डॉ मनोज शर्मा एवं इंजी. विकास कुमार आदि उपस्थित रहें।